सीरम इंस्टीट्यूट ने 2 से 18 वर्ष के बच्चों में सतर्कता डोज के रूप में ब्वअवअं के तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति मांगी
नयी दिल्ली,एजेंसी। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) ने दवा नियामक से दो से 18 वर्ष के बच्चों के लिए बूस्टर डोज के रूप में कोवोवैक्स के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की अनुमति मांगी है। इसमें कोरोना रोधी वैक्सीन की सुरक्षा और प्रतिरक्षा क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा। भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने मार्च में ही वयस्कों के लिए बूस्टर डोज के तौर पर कोवोवैक्स के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी थी।
एसआइआइ में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने बच्चों के लिए बूस्टर डोज के तौर पर इस वैक्सीन का परीक्षण करने के लिए डीसीजीआइ के यहां आवेदन किया है। इस आयुवर्ग के उन बच्चों पर यह परीक्षण किया जाएगा, जिन्होंने प्राथमिक डोज के रूप में कम से कम छह महीने पहले कोवोवैक्स ली हो। बूस्टर डोज के परीक्षण के लिए ऐसे 408 बच्चों का चयन किया जाएगा। यह अध्ययन प्लेसीबो की तुलना में सतर्कता खुराक के रूप में टीके की प्रतिरक्षा और सुरक्षा का मूल्यांकन करेगा। समझा जाता है कि सिंह ने कहा है कि यह स्पष्ट हो गया है कि टीकों की शेड्यूल दो खुराक के बाद कोरोना के खिलाफ दी जाने वाली सुरक्षा कम हो जाती है और 100 से अधिक देशों ने बूस्टर खुराक देना शुरू कर दिया है। दो से 18 वर्ष की आयु के कुल 408 पात्र बच्चे जिन्होंने कम से कम छह महीने पहले कोवोवैक्स की प्राथमिक दो शेड्यूल डोज पूरी कर ली है, उन्हें अध्ययन में नामांकित किया जाएगा।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने हाल ही में भारत के दवा नियामक से दो से 18 वर्ष की आयु के लोगों के बीच बूस्टर खुराक के रूप में अपने कोविड वैक्सीन कोवैक्सिन के दूसरे और तीसरे चरण के अध्ययन की अनुमति मांगी है।
कोवोवैक्स (ब्वअवअं) को पिछले साल 28 दिसंबर को वयस्कों में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए और कुछ शर्तों के साथ 12-17 आयु वर्ग में 9 मार्च को अनुमोदित किया गया था। भारत ने इस साल 10 जनवरी से हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को टीकों की सतर्कता खुराक देना शुरू किया था।
भारत ने 10 अप्रैल से निजी टीकाकरण केंद्रों पर 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को कोविड टीकों की सतर्कता खुराक देना शुरू किया। वर्तमान में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग जिन्होंने दूसरी खुराक लेने के नौ महीने पूरे कर लिए हैं, वे एहतियाती खुराक के लिए पात्र हैं।