Uncategorized

जिला तो नहीं बना पर वर्षगांठ मनाई गई

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

डीडीहाट। नौ वर्ष पूर्व स्वतंत्रता दिवस पर घोषित डीडीहाट जिला अभी तक अस्तित्व में नहीं आ सका है। बावजूद इसके डीडीहाटवासियों द्वारा 15 अगस्त को जिले की कोरी घोषणा की नौवीं वर्षगांठ मनाई गई। इस मौके पर केक काटा गया और सरकार से जिले को अस्तित्व में लाने की मांग की गई।
वर्ष 2011 में स्वतंत्रता दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ड़ रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रदेश में चार नए जिले डीडीहाट, रानीखेत, यमुनोत्री व कोटद्वार बनाने की घोषणा की थी। जिले की घोषणा के बाद डीडीहाट जिले के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में जश्न मना था। लोगों ने घरों पर घी के दीपक जलाए। डीडीहाट नगर में एतिहासिक विजय जुलूस निकला। सीमांत की जनता जिला बनने की खुशी में झूमी, परंतु यह खुशी चंद दिनों की रही। सत्ता समीकरण बदलते रहे और घोषित जिला हाशिये पर चला गया। इस दौरान कुछ लोगों द्वारा सूचनाधिकार से जानकारी मांगी। जिसमें डीडीहाट सहित चार जिले बनने की बात थी और डीएम, एसपी तैनात होने थे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की तैनाती की मांग को लेकर लंबा आंदोलन चला जो अभी तक जारी है। सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की जा रही है। जिसे लेकर सीमांत की जनता मायूस है। सरकारों की इस वादाखिलाफी को लेकर शनिवार को स्वतंत्रता दिवस पर जिला बनाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में बिना अस्तित्व में आए डीडीहाट जिले की 9वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस अवसर पर संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जिले की घोषणा के नौ वर्ष पूरे होने पर केक काटा और सरकार से घोषित जिले को हकीकत में बदलने की मांग की। केक काटने वालों में पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष गोविंद लाल साह, धन सिंह कफलिया, लवी कफलिया, हेमा साह, पुष्पा देऊपा, ललित चुफाल, कुंदन टोलिया, चंचल चौहान, शेर सिंह साही आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!