मुसीबत बन रहा बंदरों का झुंड, घरों में कैद हुए लोग
कोटद्वार व आसपास के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा बंदरों का आतंक
शिकायत के बाद भी समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा सिस्टम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: शहर में शायद ही कोई मोहल्ला या वार्ड ऐसा हो जहां आपकों गलियों में घूमता हुआ बंदरों का उत्पाती झुंड न दिखाई दें। लगातार बढ़ रहे बंदरों के आतंक से क्षेत्रवासी घरों में कैद होकर रह गए हैं। सबसे अधिक परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों व बुजुर्गों को हो रही है। आए दिन अस्पताल में बंदर के हमले में घायल हुए जन पहुंच रहे हैं। कुछ दिन पूर्व गोविंदनगर में बंदर के हमले से बचने के प्रयास में एक व्यक्ति छत से नीचे गिर गया था। बंदरों के आतंक से निजात दिलवाने में नगर निगम व वन विभाग भी गंभीरता नहीं दिखा रहा।
पिछले कुछ माह से क्षेत्र में बंदरों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। सुबह से ही बंदर घरों में उत्पात मचाना शुरू कर देते हैं। बंदरों के कारण वार्डवासियों का अपने घरों की छत पर कपड़े व अनाज सुखाना भी मुश्किल हो गया है। बेलाडाट निवासी पुष्पा देवी, अनीता देवी ने बताया कि बंदरों ने छतों में लगे टंकी के ढक्कन तक तोड़ दिए हैं। यही नहीं, बंदरों के डर से बच्चों ने घर के बाहर खेलना भी छोड़ दिया है। अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने व लेने के लिए साथ में जाना पड़ रहा है। बंदरों ने घरों के बाहर खेतों में लगाई गई साग-सब्जियों को भी बर्बाद कर दिया है। दरवाजे खुले होने पर बंदरों का झुंड घर के अंदर पहुंच जाता है।
सड़क पर दुर्घटनाएं
बंदरों का झुंड मोहल्लों के साथ ही शहर की सड़कों पर भी घूमा रहा है। ऐसे में अचानक से सड़क पार कर रहे बंदरों से दोपहिया वाहन चालकों को खतरा बना रहता है। शनिवार को मानपुर में सड़क पार कर रहे बंदर को देख एक बाइक चालक अनियंत्रित होकर सड़क पर गिर गया। क्षेत्रवासियों ने नगर निगम व वन विभाग से बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाने की मांग की है।