आशा कार्यकत्रियों की मांग, मानदेय हो 21 हजार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आशा कार्यकत्रियों ने आशा कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने सहित अन्य मांगों को लेकर 20वें दिन शनिवार को तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है, लेकिन सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
शनिवार को 20वें दिन भी आशा कार्यकत्रियोंं ने तहसील परिसर में धरना दिया। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी ने प्रदेश सरकार से आशा कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने, जब तक मानदेय और कर्मचारियों का दर्जा मिलने तक अन्य विभागों से योजनाओं में लगे कार्मिकों की तरह मानदेय देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन की सुविधा देने, कोविड कार्यों में लगी आशा कार्यकत्रियों को दस हजार रुपये मासिक भत्ता, 50 लाख रुपये का बीमा और दस लाख का स्वास्थ्य बीमा देने, कोविड ड्यूटी के दौरान मृत आशा कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख का बीमा और चार लाख का अनुग्रह राशि देने, सेवा के दौरान दुर्घटना या किसी तरह बीमारी होने पर सुरक्षा के लिए नियम बनाए और न्यूनतम दस लाख रुपये का मुआवजा देने, देय मासिक राशि और सभी मदों का समय से भुगतान करने, आशाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने, सभी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, सचिव रंजना कोटनाला, गुड्डी देवी, शोभा देवी, सरोजनी, रजनी, दामिनी, विजयलक्ष्मी, मधु ममंगाई, कल्पना काला, नीलम कुकरेती, हेमलता चौहान, अंजू, कुसुम, गोदाम्बरी, प्रीति, राखी रावत, कलावती, विमला जोशी, संजू नेगी, आशा देवी, आनन्दी देवी, सुनीता नेगी आदि शामिल थे।