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अब हवा में भी वायरस का खतरा

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लंदन,एजेंसी । समूचे विश्व को भयभीत कर रही कोरोना महामारी को लेकर और बड़ा दावा किया गया है। विश्व की प्रमुख स्वास्थ्य पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस हवा के साथ तेजी से फैलता है। सर्स कोव-2 वायरस को लेकर अब तक प्रकाशित अध्ययनों की एक समीक्षा रिपोर्ट ब्रिटेन, अमेरिका व कनाडा के वैज्ञानिकों ने तैयार की है।इस समीक्षा रिपोर्ट की मुख्य लेखिका अक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की त्रिश ग्रीनहाल हैं। उनका दावा है कि वक्त आ गया है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन को वायरस के संक्रमण की परिभाषा बदलने की जरूरत है। अब मास्क, सुरक्षित शारीरिक दूरी जैसे कोरोना से बचाव के उपाय बौने हो गए हैं।
कोरोना अध्ययनों की नई समीक्षा में कागिट कयर इवेंट की गई। इसमें एक संक्रमित व्यक्ति को शामिल किया गया। वह सुपर स्प्रेडर साबित हुआ और उसने 53 लोगों को संक्रमित कर दिया। इनमें से कई लोग तो आपस में संपर्क में भी नहीं आए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि यह हवा में व्याप्त कोरोना वायरस से संक्रमित हुए।
समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार खुली जगहों की बजाय बंद जगहों पर कोरोना संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलता है। इन स्थानों को हवादार बनाकर संक्रमण के फैलाव को कम किया जा सकता है।
40 प्रतिशत वायरस ट्रांसमिशन ऐसे लोगों से हुआ, जिनमें कोई लक्षण नहीं था। इन्हीं बिना लक्षण वाले मरीजों ने सब दूर महामारी फैलाई। इसी तरह संक्रमित व्यक्ति की छींक या श्वास से निकलने वाले भारी कणों से वायरस तेजी से फैलने के संकेत कम मिले हैं। इनसे सतह के संक्रमित होने का खतरा है।
ऐसे में मास्क व दूरी से ज्यादा जरूरी हाथ धोना और सतह को साफ करना ज्यादा उपयुक्त है। साथ ही वायरस को हवा में ही खत्म करने के उपाय करना चाहिए।

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