अदालत का फैसला कानून सम्मत, सच्चाई स्वीकारें राहुल गांधी : राजनाथ सिंह
नई दिल्ली। मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा के अदालत के फैसले को कानून सम्मत बताते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी को सच्चाई स्वीकार करने और इससे सीख लेने की सलाह दी है। वहीं भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने काह कि राहुल गांधी को गाली देने की खुली छूट नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि देश में कानून का राज है और कानून राज ही चलेगा।
अदालत के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी और कांग्रेस के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि शब्दों की चोट शस्त्रों की चोट से ज्यादा गहरी और पीड़ादायी होती है और यदि शब्द झूठ और अनर्गल हो तो चोट और कष्टदायी हो जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी न्याय व्यवस्था में अनर्गल और झूठे आरोप लगाने के खिलाफ सजा का सीधा प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से हम सभी को शब्दों की मर्यादा बनाए रखने की सीख मिलती है।
वहीं रविशंकर प्रसाद ने फैसले के बाद सत्य और अहिंसा में विश्वास के राहुल गांधी के ट्वीट पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को अपमानित करने का अधिकार नहीं मिल जाता है। यदि राहुल गांधी को लोगों को अपमानित करने का अधिकार है तो इससे आहत होने वाले लोगों को भी अदालत में जाने का अधिकार कानून देता है। उनके अनुसार इस मामले में भाजपा सांसद सुशील मोदी ने भी बिहार की अदालत में मानहानि का केस कर रखा है, जिसमें राहुल गांधी के वकीलों की बहस पूरी हो चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मामले में भी जल्द फैसला आएगा।
रविशंकर प्रसाद ने अदालत के फैसले पर सवाल उठाने पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी आड़े हाथों लिया। मामले की सुनवाई करने वाले जज के बार-बार बदले जाने के खरगे के आरोप का जवाब देते हुए उन्होंने कहा क्या अब कांग्रेस अध्यक्ष को अदालत पर भी भरोसा नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि यह बयान सीधे तौर पर अदालत की अवमानना का गंभीर मामला है।
इसी तरह राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बोलने पर राहुल गांधी अदालत से पहले भी माफी मांग चुके हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा आलोचना का सम्मान करती है। लेकिन राहुल गांधी आलोचना नहीं करते हैं, बल्कि देश का, लोकतंत्र का और जनता का अपमान करते हैं। इस सिलसिले में उन्होंने राहुल गांधी के लंदन में दिये बयानों को फिर से दोहराया।