स्वास्थ्य सचिव के लिखित आदेश पर आशाओं का धरना स्थगित
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव के लिखित आदेश पर आशा कार्यकर्तियों ने धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। गुरूवार को भी तहसील परिसर में आशा कार्यकर्तियां एकत्रित हुई। संगठन की अध्यक्ष प्रभा चौधरी ने कहा कि 29 सितंबर को सचिवालय घेराव के दौरान स्वास्थ्य सचिव के लिखित आदेश पर धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। स्वास्थ्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि कैबिनेट बैठक में शासनादेश जारी हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार से उम्मीद है कि आशाओं के हित में घोषणा करेगी। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द शासनादेश जारी करने की मांग की है।
आशा कार्यकर्तियां विगत 60 दिन से सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने, जब तक मानदेय और कर्मचारियों का दर्जा मिलने तक अन्य विभागों से योजनाओं में लगे कार्मिकों की तरह मानदेय देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन की सुविधा देने, कोविड कार्यों में लगी आशा कार्यकत्रियों को दस हजार रुपये मासिक भत्ता, 50 लाख रुपये का बीमा और दस लाख का स्वास्थ्य बीमा देने, कोविड ड्यूटी के दौरान मृत आशा कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख का बीमा और चार लाख का अनुग्रह राशि देने, सेवा के दौरान दुर्घटना या किसी तरह बीमारी होने पर सुरक्षा के लिए नियम बनाए और न्यूनतम दस लाख रुपये का मुआवजा देने, देय मासिक राशि और सभी मदों का समय से भुगतान करने, आशाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने, सभी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रही थी। इस मौके पर अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, सचिव रंजना कोटनाला, सुमित्रा भट्ट, सुनीता रावत, कलावती देवी, कविता नेगी, प्रीति, दीपा गुंसाई, मंजू नेगी, राखी, कल्पना काला, कुसुम रावत, नीलम नेगी, हेमा, हेमलता, गोदांबरी, रेनू, चंद्रकला, ज्योति आदि मौजूद थे।