नई दिल्ली, एजेंसी। सेंट्रल ब्यूरो अफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने 3,727 करोड़ रुपए के अगस्ता वैस्टलेंड हेलीकप्टर कथित घोटाले में पूर्व रक्षा सचिव और सीएजी शशि कांत शर्मा, पूर्वी एयर वाइस मार्शल जसबीर सिंह पानेसर और वायुसेना के तीन अन्य अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है। इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है।
जिस समय 12 वीवीआईपी हेलीकप्टर्स के लिए कन्ट्रैक्ट पर विचार किया गया और जब सौदे के लिए अपरेशनल रिक्वाइरमेंट तैयार किया गया, शर्मा रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव (वायु) थे। यह ठेका फरवरी 2010 में एंगलो इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड को दिया गया था। सौदे में कथित तौर पर नियमों के उल्लंघन और रिश्वत के आरोपों को लेकर यह यूपीए सरकार के सबसे विवादित सौदों में से एक रहा।
शर्मा बाद में जुलाई 2011 से मई 2013 तक रक्षा सचिव रहे और फिर 2017 तक सीएजी रहे। यह पहली बार है जब उनका नाम इस केस में जुड़ा है। इस मामले में इटैलियन कोर्ट के फैसले में कई बार जेएस एयर शब्द का जिक्र आया है, जिसे जइंट सेक्रेटरी (एयर) माना जा रहा है। ब्रिटिश बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने अपने नोट में इसे कई बार लिखा है, जिसने कथित तौर पर भारत में नेताओं और अधिकारियों के लिए रिश्वत का इंतजाम किया था।
एक सीबीआई अधिकारी ने अभियोजन स्वीति को लेकर पूटे गए सवाल के जवाब में कहा,जेएस एयर , शर्मा रक्षा मंत्रालय में अहम बैठकों का हिस्सा थे। उन्होंने अन्य कोई ब्योरा देने से इनकार किया। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि रक्षा मंत्रालय से लिखित में अपील की गई है। केस में शर्मा की भूमिका को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
भ्रष्टाचार निरोधी कानून की धारा 19 में यह अनिवार्य किया गया है कि एक सरकारी अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने से पहले संबंधित विभाग से अभियोजन स्वीति अनिवार्य है। एक अन्य सीबीआई अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि पानेसर और वायुसेना के तीन अधिकारियों ने ।ॅ-101 हेलीकप्टर्स की खरीद और टेस्टिंग में अहम और सवालिया निशान वाली भूमिका निभाई। तीन अन्य अधिकारियों जिनके खिलाफ अभियोजन की स्वीति मांगी गई है उनमें डेप्युटी चीफ टेस्ट पायलट एसए कुंते, विंग कमांडर थोमस मैथ्यू, ग्रुप कैप्ट एन संतोष शामिल हैं। तीनों अफिसर रिटायर हो चुके हैं।