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अपनी मुद्राओं में व्यापार समझौते और यूपीआई-आईपीपी लिंकिंग पर सहमति; आरबीआई-यूएई के सेंट्रल बैंक में हुए अहम करार

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नई दिल्ली , एजेंसी। पीएम मोदी आज एक दिवसीय यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे हैं। यहां उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए व्यापक बातचीत की। इस दौरान दोनों देश अपनी मुद्राओं में व्यापार समझौता शुरू करने पर सहमत हुए हैं। बता दें कि फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद पीएम मोदी शनिवार सुबह को अबू धाबी पहुंचे थे।
यूएई के राष्ट्रपति के साथ बातचीत के बाद मोदी ने कहा, पिछले साल व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर के बाद से भारत-यूएई व्यापार में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। पहली बार, हमने व्यापार में 85 अरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य हासिल किया है। जल्द ही हम 100 अरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, अगर हम ठान लें तो जी20 से पहले इस मील के पत्थर को पार कर सकते हैं। दोनों देशों की मुद्राओं में व्यापार निपटान के लिए शनिवार को हुआ समझौता दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग और आपसी विश्वास को दर्शाता है। इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
यूएई की यात्रा के दौरान मोदी ने शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से कहा, आपसे हमेशा भाई का प्यार मिला। जिस प्रकार हमारे देशों के बीच संबंधों का विस्तार हुआ है, उसमें आपका बहुत बड़ा योगदान है। भारत का प्रत्येक व्यक्ति आपको एक सच्चे मित्र के रूप में देखता है। मोदी ने यह भी कहा कि यूएई में आयोजित होने वाले सीओपी-28 की तैयारी यूएई के राष्ट्रपति के नेतृत्व में चल रही है। उन्होंने इस साल के अंत में सम्मेलन में भाग लेने का मन बना लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के सेंट्रल बैंक ने शनिवार को सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग और उनके भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम को आपस में जोड़ने में सहयोग के लिए दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। अबू धाबी में पीएम मोदी और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की उपस्थिति में दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया।
इन समझौतों का उद्देश्य निर्बाध सीमा पार लेनदेन और भुगतान की सुविधा प्रदान करना और भारत और यूएई के बीच अधिक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। मोदी ने कहा, यह भारत-यूएई सहयोग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। यह आर्थिक सहयोग बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करता है और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बातचीत को सरल बनाएगा। एमओयू पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई के गवर्नर खालिद मोहम्मद बलामा ने हस्ताक्षर किए।
पेमेंट्स एंड मैसेजिंग सिस्टम्स पर एमओयू के तहत, दोनों केंद्रीय बैंक अपने फास्ट पेमेंट सिस्टम्स (एफपीएस) – भारत के यूपीआई को यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (आईपीपी) के साथ जोड़ने पर सहयोग के लिए सहमत हुए। इसमें संबंधित कार्ड स्विच (रूपे स्विच और यूएईस्विच) को लिंक किया जाएगा और यूएई में मैसेजिंग सिस्टम के साथ भारत के भुगतान मैसेजिंग सिस्टम यानी स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम (एसएफएमएस) को जोड़ा जाएगा।

 

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