सूर्यग्रहण : चारधाम सहित सभी मंदिर बंद रहे
चमोली : मंगलवार को सूर्यग्रहण और उससे पूर्व सूतककाल के कारण उत्तराखंड के चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित सभी मंदिर बंद रहे। ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों के कपाट खुले। विधिविधान से मंदिरों में जल प्राच्छलन, हवन यज्ञ किये गये। और अभिषेक तथा रात्रि कालीन आरती की गई।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया सूर्यग्रहण के कारण और इससे पूर्व सूतक के कारण बदरीनाथ मंदिर मंगलवार प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर बंद हुआ। शाम 5 बजकर 32 मिनट पर मंदिर के कपाट खुले। शुद्धिकरण के बाद 6 बजकर 15 मिनट पर भगवान का अभिषेक किया गया। शयन आरती के बाद रात्रि को मंदिर 9.30 बजे के लगभग बंद हुआ। केदारनाथ धाम के कपाट भी सूर्यग्रहण और सूतक के कारण प्रात: 4 .15 पर बंद किये। शाम 5 बजकर 32 मिनट पर मंदिर खुला। साफ सफाई, शुद्धिकरण हवन के बाद 7 बजे भगवान का अभिषेक, श्रृंगार, शयन आरती के बाद 8.30 बजे शायंकाल को श्री केदारनाथ मंदिर बंद किये गये। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी ने बताया गंगोत्री एवं यमुनोत्री मंदिर भी ग्रहणकाल में बंद रहे। गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर के कपाट भी सूर्यग्रहण के कारण बंद रहे। चारधाम के साथ-साथ अन्य मंदिर भी सूर्यग्रहण के कारण बंद रहे। ग्रहण की समाप्ति सांयकाल 5 बजकर 32 मिनट के बाद सभी मंदिरों के कपाट खुले। शुद्धिकरण, हवन के पश्चात मंदिरों में विधिवत अभिषेक-शयन पूजा की गई। (एजेन्सी)
उत्तराखंड के कई शहरों में दिखा ग्रहण, श्रद्घालुओं ने हर की पैड़ी पर लगाई डुबकी
हरिद्वार । उत्तराखंड के कई शहरों में सूर्य ग्रहण दिखाई दिया। राजधानी देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार में सूर्य ग्रहण दिखाई दिया। इस दौरान ग्रहण देखने के लिए लोगों में उत्साह दिखाई दिया। उन्होंने पूरी सावधानी के साथ ग्रहण देखा। सूर्य ग्रहण देखने के लिए हरिद्वार के शांतिकुंज में विशेष व्यवस्था की गई थी। वहीं ग्रहण के दौरान श्रद्घालुओं ने हरिद्वार में हर की पैड़ी पर पवित्र डुबकी लगाई।
मंगलवार को तीर्थ नगरी हरिद्वार के सूर्य ग्रहण के चलते मठ मंदिर सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही बंद कर दिए गए। ग्रहण का सूतक लगने के कारण सुबह की गंगा आरती हरकी पैड़ी पर नहीं हुई। हरिद्वार में सूर्य ग्रहण शाम 4:28 से 6:27 तक रहेगा।
सूतक लगने के 12 घंटे पहले हरिद्वार के सभी मंदिरों को श्रद्घालुओं के लिए बंद कर दिया गया। सूर्य ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिरों को स्नान करा कर श्रद्घालुओं के लिए कपाट खोले जाएंगे। उसी के बाद श्रद्घालु मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे। ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्य ग्रहण काल के दौरान सोना, खाना-पीना नहीं चाहिए। सूर्य ग्रहण के समय अपने गुरु, इष्ट देवता और हनुमान चालीसा का पाठ करें।