कोरोना के साथ-साथ डेंगू से बचाव के लिए भी जागरूक हुआ प्रशासन
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। कोरोना महामारी के साथ-साथ डेंगू से बचाव को लेकर भी जिला प्रशासन जागरूक हो गया है। जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने जनपद में डेंगू नियंत्रण/रोकथाम के लिए वर्चुअल माध्यम से डेंगू रोधी अंतर विभागीय समन्वय बैठक ली। इस दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत डेंगू के प्रभावकारी नियंत्रण/रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाएं।। जिलाधिकारी ने डेंगू की रोकथाम एवं जन-जागरूकता के लिए नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, सभी ग्राम पंचायतों में बैनर/पोस्टर लगाने के निर्देश भी दिए हैं।
बैठक में जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि डेंगू का मच्छर गर्म क्षेत्र में ज्यादा पनपता है। इस दृष्टि से कोटद्वार और श्रीनगर अति संवदेशील क्षेत्र हैं। जिलाधिकारी ने नगर निगम कोटद्वार एवं नगर पालिका श्रीनगर के अधिकारियों निर्देशित करते हुए कहा कि पिछले एक-दो साल में जिस क्षेत्र में डेंगू के पॉजिटिव केस मिले हैं, उन स्थानों की सूची प्राप्त कर लें। बरसात से पूर्व ही उचित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पानी के फैलाव को रोकने के लिए नियमित रूप से सफाई/दवाई छिड़काव करते रहें। साथ ही नालियों की साफ-सफाई तथा घर के आस-पास पानी के टैंकों की नियमित रूप से साफ रखें। डीएम ने नगर निगम और नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में डेंगू मच्छर के लारवा की संख्या में कमी करने के लिए नियमित रूप से दवाई छिड़काव करें। जल संस्थान व निगम के अधिकारियों को पानी के टैंकों में नियमित रूप से छिड़काव करनें और पानी की निकासी की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि पानी के जमावाड़े, फिशरी टैंक, पानी लिकेज, नाली, पानी के टैंक के आस-पास डेंगू बचाव के उपाय करें। शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि जनपद में जितने भी विद्यालय हैं, स्कूल और कॉलेज खुलने से पहले विशेष अभियान चलाकर साफ-सफाई करवा ली जाय तथा नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत के माध्यम से दवाई छिड़काव कर लिया जाय। जिलाधिकारी जोगदंडे ने कहा कि डेंगू एक सामान्य बीमारी है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। कहा कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है, इसकी उड़ने की क्षमता 3-4 फिट ही होती है और इसकी पहचान सफेद और काले रंग की पट्टियां होती हैं। कहा कि डेंगू मच्छर से बचाव के लिए जरूरी है कि मॉसकिटो कॉयल का प्रयोग करें, फुल स्लीप के कपड़े पहने, हाथ-पैरों को कवर करें, बैड को 3 फिट ऊं चा रखें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने कहा कि डेंगू बीमारी के लक्षण तेज बुखार, उल्टी आना, शरीर पर लाल चकते पड़ना आदि है। कहा कि बुखार को कंट्रोल करने के लिए पेरासिटामॉल का प्रयोग कर सकते है। उन्होंने कहा कि भूलकर भी बु्रफिन या डिसप्रिन दवा का सेवन न करें, इससे स्वास्थ्य और खराब होता है। हर बुखार डेंगू का नही होता है, डेंगू के लक्षण होने पर समय से डॉक्टर की सलाह लें और डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें।