अनियमित पेयजल आपूर्ति से परेशान हैं तलसारी जुराला गांव के ग्रामीण
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। विकासखंड पौड़ी के ग्राम सभा गिरगांव स्थित तलसारी जुराला गांव के ग्रामीण लंबे समय से अनियमित पेयजल आपूर्ति से परेशान हैं। ग्रामीणों ने एडीएम पौड़ी से पेयजल व्यवस्था सुचारु बनाए जाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में मुश्किल से आधा घंटा पेयजल आपूर्ति होती है। उसमें भी पानी बहुत कम आता है। ग्रामीणों ने सड़क डामरीकरण व क्षतिग्रस्त मिलन केंद्र के मरम्मतीकरण की मांग की है। एडीएम पौड़ी ने समस्याओं से संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर समाधान के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को ग्राम सभा गिरगांव स्थित तलसारी जुराला गांव के ग्रामीण मुख्यालय पौड़ी पहुंचे। ग्रामीणों ने एडीएम डा. एसके बरनवाल से मुलाकात कर समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई। उप प्रधान सतीश चंद्र ने बताया कि तलसारी जुराला में गजल्ड-गिरगांव पेयजल योजना से जलापूर्ति की जाती है, लेकिन लंबे समय से जलापूर्ति अनियमित बनी हुई है। 24 घंटे में मात्र आधा घंटा पानी आता है, वह भी बहुत कम मात्रा में आता है। जिसे पीने के लिए भी मुश्किल से भरा जाता है। उन्होंने कहा कि पानी से जुड़े रोजमर्रा के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, जिसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों को कई बार दी गई, लेकिन कोई ग्रामीणों की सुध नहीं ले रहा है। ग्रामीण गीता देवी, सरोजनी देवी, संगीता देवी व दीपक कुमार ने बताया कि भिलेश्वर से गौरीकोट तक वर्ष 2005 में मोटर मार्ग का निर्माण किया गया। इस मोटर मार्ग से वैद्य गांव, तलसारी, खोली, नौगांव, गौरीकोट के ग्रामीण यातायात से जुड़े हैं। लेकिन 15 वर्ष बाद भी सड़क का डामरीकरण नहीं किया गया है। जिससे यातायात जोखिमभरा हो गया है। उन्होंने बताया कि गांव का मिलन केंद्र वर्ष 2005 में बनाया गया था, जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो चुका है। ग्रामीणों ने पेयजल, सड़क व मिलन केंद्र सुधारीकरण की समस्या के जल्द समाधान की मांग की। साथ ही समाधान जल्द नहीं किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी। एडीएम डा. एसके बरनवाल ने कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। इस अवसर पर गुड्डी देवी, राकेश चंद्र, पवित्रा देवी, गणेशी देवी, नीलम देवी आदि मौजूद रहे।
क्या कहते है सहायक अभियंता
संजय कुमार, सहायक अभियंता जल संस्थान का कहना है कि गजल्ड में पेयजल स्रोत सूखने से समस्या बनी है। गांव में अन्य स्रोत या टेंकर के माध्यम से जलापूर्ति सुचारु की जाएगी।