मेडिकल कालेज नाहन में रैगिंग, एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच के बाद नौ प्रशिक्षु डाक्टर पाए दोषी
नाहन, एजेंसी। प्रदेश के सरकारी क्षेत्र के तीसरे सबसे बड़े मेडिकल कालेज में शुमार जिला सिरमौर के नाहन स्थित डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में रैगिंग का मामला सामने आया है। रैगिंग लेने वाले एमबीबीएस-2022 बैच के नौ प्रशिक्षु चिकित्सकों को 45 दिनों के लिए कालेज से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा सभी नौ प्रशिक्षु चिकित्सकों को 50-50 हजार रुपए जुर्माना लगाने के साथ एक साल तक कालेज की गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित किया गया है। बताया जा रहा है कि मेडिकल कालेज नाहन के एमबीबीएस-2022 बैच के नौ प्रशिक्षु चिकित्सकों ने एनाटोमी विभाग के एक प्रोफेसर से अनऑफिशियल अनुमति लेकर यह कहकर कक्षा में प्रवेश किया कि वह जूनियर छात्रों को गेट टूगैदर पार्टी में बुलाना चाहते हैं। सीनियर नौ छात्र एनाटोमी विभाग के डाईसेक्शन हॉल में गए तथा इस दौरान उन्होंने जूनियर प्रशिक्षु चिकित्सकों के साथ गाली-गलोज व दुव्र्यवहार किया। जूनियर प्रशिक्षु चिकित्सकों को यह व्यवहार पूरी तरह से रैगिंग का लगा, जिसके बाद एक प्रशिक्षु जूनियर चिकित्सक ने इसकी शिकायत व्हाट्सऐप पर मेडिकल कालेज प्रशासन को की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत मेडिकल कालेज की फैक्ट फाइडिंग कमेटी गठित की गई तथा वर्ष 2023 बैच के प्रशिक्षु चिकित्सकों के बयान कलमबद्ध किए गए। इसके अलावा जिन सीनियर प्रशिक्षु चिकित्सकों पर रैगिंग के आरोप लगे थे, उनके भी बयान कलमबद्ध किए गए। मेडिकल कालेज नाहन की एंटी रैगिंग कमेटी की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें जिला प्रशासन की ओर से सहायक आयुक्त गौरव महाजन, डीएसपी मुख्यालय रमाकांत ठाकुर के अलावा मेडिकल कालेज नाहन के संयुक्त निदेशक कपिल तोमर, मेडिकल कालेज नाहन के प्रिंसीपल डा. राजीव तूली समेत एंटी रैगिंग कमेटी के करीब दो दर्जन पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया गया। बैठक में रैगिंग के घटनाक्रम पर पूरी चर्चा के बाद सर्वसम्मति से एंटी रैगिंग कमेटी ने निर्णय लिया कि जूनियर प्रशिक्षु चिकित्सकों के बयान व फैक्ट फाइडिंग कमेटी की रिपोर्ट में एमबीबीएस वर्ष 2022 बैच के प्रशिक्षु नौ चिकित्सकों ने जूनियर छात्रों के साथ दुव्र्यवहार, गाली-गलोज व अन्य कुछ ऐसी हरकतें की हैं, जो रैगिंग के नियमों में आती हैं। इसके बाद आरोपियों को सजा सुनाई गई।