आरक्षित वन क्षेत्र में चेनलाइजेशन की अनुमति दी जाय

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड क्रांति दल ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोटद्वार की नदियों में पट्टे धारको द्वारा नदियों में चेनलाइजेशन का कार्य चल रहा है। नदियों में पट्टा धारकों द्वारा मानकों से अधिक गहरे गड्ढे खोदकर खनन किया जा रहा है। जबकि प्रशासन कुम्भकरणीय नींद में सोया है। उन्होंने आरक्षित वन क्षेत्र में वन विकास निगम को चेनलाइजेशन करने की अनुमति देने की मांग की।
यूकेडी के जिला प्रभारी महेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पट्टे धारकों से मानकों से अधिक खनन करने पर अतिरिक्त राशि वसूल की जानी चाहिए। जिससे कि सरकार को अतिरिक्त आय की प्राप्ति हो सके। उन्होंने कहा कि आरक्षित वन क्षेत्र में वन विकास निगम को चेनलाइजेशन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। सुखरो नदी पर आरक्षित क्षेत्र में बहने वाली नदी कभी भी बरसात में पलट सकती है। जिससे धु्रवपुर, पदमपुर, सिम्मलचौड़, बलभद्रपुर आदि क्षेत्रों को बाढ़ से खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा वर्तमान में कार्य करने के लिए सेवानिवृत्त व बाहरी प्रदेशों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को रखा जा रहा है। जबकि वन निगम से छंटनीशुदा स्केलर चौकीदार जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम है उनको रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छंटनी आदेश में स्पष्ट लिखा है कि कार्य आने पर छंटनीशुदा कर्मचारियों को ही लिया जाय। वन निगम द्वारा ऐसा न कर नई नियुक्ति व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ही रखा गया है। उत्तराखण्ड सरकार को चाहिए कि जिस प्रकार से नदियोें में चेनलाजेशन करने के लिए पट्टे धारकों को जेसीबी व पोकलैण्ड आदि मशीन से खनन करने की अनुमति प्रदान की गई है उसी प्रकार से वन निगम को भी खनन करने के लिए जेसीबी व पोकलैण्ड से अनुमति प्रदान की जाय।

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