अरुणाचल मामले में जदयू की बीजेपी को चेतावनी, कहा- गठबंधन की राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं
पटना,एजेंसी। जदयू ने रविवार को बिना नाम लिए भाजपा पर हमला बोला है। जदयू नेता केसी त्यागी ने अरुणाचल प्रदेश में पार्टी के छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह गठबंधन की राजनीति के लिए अच्छा संकेत नहीं है। राजधानी पटना में आयोजित एक प्रेस कांन्फ्रेंस के दौरान केसी त्यागी ने ये बातें कहीं।
वहीं जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश का असर बिहार में नहीं होगा। जदयू के विधायक अरुणाचल में सरकार को समर्थन दे रहे थे इसके बाद भी ऐसी घटना हुई यह मंथन का विषय है। संजय झा ने विपक्षी पार्टी की ओर से इस मामले को लेकर निशाना साधे जाने पर कहा कि उनके पास इसके अलावा कोई काम नहीं रह गया है। विपक्ष सिर्फ सपना देखते रहे सरकार पांच साल तक मजबूती के साथ चलेगी। उन्होंने कहा कि इन पांच सालों में किसी के लिए कोई संभावना नहीं है।
अरुणाचल प्रदेश में भाजपा के बाद जदयू दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। अप्रैल, 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू अकले मैदान में उतरा था। जदयू ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा और सात पर जीत हासिल की। चार पर वह दूसरे तो तीन पर तीसरे नंबर पर रहा था। वहीं एक सीट पर जदयू चौथे नंबर पर था। 60 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में भाजपा को 41, एनपीईपी को पांच और कांग्रेस को चार सीटें मिली थी। इस तरह जदयू वहां दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। प्रदेश की राजधानी ईटानगर में भी जदयू की जीत हुई थी। हालांकि, दूसरी बड़ी पार्टी रहने के बाद भी जदयू ने विपक्ष में बैठने के बजाय सरकार को बाहर से समर्थन दिया था।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब सत्ता में रहते हुए अपने सहयोगी दल के विधायकों को किसी बड़ी पार्टी ने अपने में शामिल कर लिया है। माना जा रहा है कि सात में छह विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराकर भाजपा ने जदयू को एक कड़ा संदेश भी दिया है। भाजपा द्वारा जदयू विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल किए जाने पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा विपक्षी पार्टी को तोड़ती रही है, पर अरुणाचल प्रदेश की घटना ने साफ कर दिया है कि अब वह सहयोगी दल को भी तोड़ने लगी है।