हिमाचल: कुर्सी संभालते ही एक्शन मोड में सीएम सुक्खू, सेवाविस्तार समाप्त करने समेत लिए 11 बड़े फैसले
शिमला, एजेंसी। हिमाचल प्रदेश सचिवालय में सोमवार को मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही सुखविंद्र सिंह सुक्खू एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने पहले ही दिन 11 बडेघ् फैसले लिए। सुक्खू ने निर्णय लिया कि पूर्व जयराम सरकार के एक अप्रैल 2022 के बाद कैबिनेट में लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा होगी। इनमें नए संस्थान खोलने और अपग्रेड करने के फैसले रिव्यू किए जाएंगे और कुछ को डिनोटिफाई भी किया जाएगा। जयराम सरकार के कार्यकाल में अधिकारियों को दिया गया पुनर्रोजगार समाप्त कर दिया गया है, जबकि मेडिकल कलेजों को इससे अलग रखा गया है।
यह भी फैसला लिया गया कि हिमाचल भवन, सदन और राज्य अतिथि गृहों में ठहरने पर मंत्रियों और विधायकों को किराये में अब टूट नहीं मिलेगी। इन्हें आम जनता के समान कमरों के किराये की अदायगी करनी होगी। इन्हें 1200 रुपये प्रति कमरा चुकाना होगा। विधायकों, मंत्रियों आदि के लिए इससे पहले 200 रुपये एक कमरे का किराया था।
लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग को छोड़कर राज्य के निगमों, बोर्डों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नामित सदस्यों और अन्य कमेटियों तथा शहरी निकायों में नामित सदस्यों की नियुक्तियां फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने को कहा गया है। हालांकि यह स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल कलेजों और अन्य संस्थानों में की जा रही भर्तियों पर लागू नहीं होगा। इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिव को उपयुक्त आदेश जारी कर दिए हैं। जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले किए गए थे और उन पर अमल नहीं किया गया। उनको भी रोक दिया है।
यह भी फैसला लिया कि अटल टनल रोहतांग के बाहर से हटाई गई सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका फिर लगेगी। सोनिया गांधी के नाम की पट्टिका 28 जून, 2010 को बतौर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में स्थापित की गई थी। लोनिवि में लेटर अफ क्रेडिट (एलओसी) जो विभागों को जाता है, उसे कैबिनेट की बैठक तक होल्ड करने को कहा है। इसके अलावा सुक्खू ने यह भी निर्णय लिया कि जन शिकायतों के निवारण के लिए भी एक नीति का निर्धारण होगा।
पूर्व सरकार के कार्यकाल में शिक्षा, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों में मल्टी टास्क वर्कर भर्तियां हुई हैं। इसे लेकर विधायक हर्षवर्द्धन चौहान की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। इसमें जगत सिंह नेगी, संजय रत्न, मोहन लाल ब्राक्टा को सदस्य बनाया है। यह कमेटी इन भर्तियों सहित पैरा वर्कर भर्ती के मामले भी देखेगी।
अनाथ बच्चों के भविष्य के लिए भी फैसला लिया जाएगा। लड़कियों की शादी तक और लड़कों को नौकरी मिलने तक इन्हें गोद लिया जाएगा। इसके लिए विधायक राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इन्हें अनाथ आश्रमों में जाने को कहा है, जिससे इन बच्चों के लिए नीति बनाई जा सके।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पदभार संभालते ही कार्मिक विभाग ने किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक का तबादला कर दिया है। आबिद को राज्य सचिवालय में विशेष सचिव वन के पद पर नियुक्ति दी गई है। विशेष सचिव वन का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे सीपी वर्मा को पदभार मुक्त किया गया है।
एडीएम किन्नौर सुरेंद्र सिंह राठौर को उपायुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी और उपायुक्त आबिद के बीच भाजपा सरकार के समय आपसी समन्वय ठीक नहीं रहा। भाजपा नेता सूरत नेगी को अधिक तवज्जो देने से जगत सिंह नेगी अकसर नाराज रहते थे। तबादले को स्थानीय विधायक की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।