देश-विदेश

असम सीएम सरमा का राहुल गांधी पर पलटवार, पूछा- बोफोर्स और नेशनल हेराल्ड घोटालों की कमाई कहां छिपाई?

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

गुवाहाटी , एजेंसी। अदाणी मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पलटवार किया है। सरमा ने शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह हमारी शालीलना थी कि हमने आपसे कभी नहीं पूछा कि आपने बोफोर्स और नेशनल हेराल्ड घोटालों से अपराध की कमाई कहां छिपाई है। खैर, हम अदालत में मिलेंगे।
दरअसल, राहुल गांधी ने आज एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी समेत छह नेताओं पर निशाना साधा था। उन्होंने गौतम अदाणी, गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण कुमार रेड्डी, हिमंत बिस्व सरमा और अनिल एंटनी पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज भटकाते हैं। सवाल वही है- अदाणी की कंपनियों में बीस हजार करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं?” कांग्रेस नेता अदाणी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद से लगातार हमलावर हैं।
असम में 14 अप्रैल को बिहू उत्सव मनाया जाएगा जिसमें 14,000 से अधिक लड़के और लड़कियां भाग लेंगे। इस मौके पर पीएम नरेंद्र नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। मैं असम आने और कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त करता हूं।
दरअसल जनवरी में अमेरिकी निवेशक हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया है कि अदाणी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट अदाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) से पहले आई थी। एफपीओ 27 जनवरी को खुलना था। लेकिन समूह ने इसे वापस ले लिया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अदाणी समूह के मालिक गौतम अदाणी की संपत्ति 100 अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े।
रिपोर्ट में मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक फैले टैक्स चोरी वाले देशों में अदाणी परिवार की कई मुखौटा कंपनियों के एक नेटवर्क का विवरण था। इसका उपयोग भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग के लिए किया गया था। फंड की हेराफेरी भी की गई थी। रिसर्च रिपोर्ट में अदाणी समूह के पूर्व अधिकारियों सहित दर्जनों लोगों से बात करना, हजारों दस्तावेजों की समीक्षा करना और आधा दर्जन देशों में दौरा शामिल था। रिपोर्ट में कहा गया था कि समूह की सात प्रमुख कंपनियों के मूल्य को देखें तो यह फंडामेंटल आधार पर मूल्यांकन से 85 फीसदी नीचे हैं। इन कंपनियों ने बड़े पैमाने पर शेयर गिरवी रखकर कर्ज लिए हैं।
वहीं, अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को निराधार और बदनाम करने वाला बताया था। समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जुगेशिंदर सिंह ने कहा था, रिपोर्ट में इस्तेमाल तथ्यात्मक आंकड़े प्राप्त करने के लिए समूह से कोई संपर्क नहीं किया गया। यह रिपोर्ट चुनिंदा गलत व बासी सूचनाओं, निराधार और बदनाम आरोपों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है। इसे भारत की सर्वोच्च अदालतों ने खारिज कर दिया है।
तबसे विपक्षी कांग्रेस और अन्य दल अदाणी समूह के खिलाफ हमलावर हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद में भी इस मुद्दे को कई बार उठा चुके हैं। हालांकि, मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दोषी ठहरा दिया और उन्हें दो साल के कारावास की सजा सुनाई। इसके बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई। सांसद के रूप में अयोग्य करार दिए जाने के बाद से राहुल गांधी ने अदाणी समूह के खिलाफ हमले तेज किए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!