सावधान! शासन की व्यवस्था ऐसी कि नहीं रुक सकता कोरोना

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-बाहरी लोगों को सैंपल लेने के बाद बिना रिपोर्ट आए जिले में प्रवेश की दे रहे अनुमति
-आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने तक संक्रमित व्यक्ति पूरे जिले में फैला रहा कोरोना
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड में भले ही शासन व प्रशासन कोरोना संक्रमण पर नकेल कसने के लिए अपनी तैयारियों को सबसे बेहतर बता रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यह तैयारियां अंदर से बिल्कुल खोखली हैं। इसका उदाहरण इस बात से लिया जा सकता है कि शासन ने जिलों में प्रवेश द्वार पर बाहरी लोगों की कोरोना जांच को आरटीपीसीआर के लिए सैंपल लेने की व्यवस्था बनाई है। लेकिन, इन लोगों को सैंपल लेने के बाद बिना रिपोर्ट आए जिले में बड़े आराम से प्रवेश दे दिया जा रहा है। अब आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने में एक से दो दिन का समय लगता है, तब तक कोरोना संक्रमित व्यक्ति पूरे जिले में भ्रमण कर अंजाने में ही सही अन्य लोगों को भी संक्रमित कर दे रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन व प्रशासन की तैयारियां कितनी मजबूत हैं और आने वाले दिनों में कोरोना किस कदर कोहराम मचा सकता है।
पौड़ी जिले की ही बात करें तो यहां पुलिस प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक कोरोना से लड़ाई के लिए हर मोर्च पर डटे रहने का दावा कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि वह लगातार लोगों को कोरोना पर रोकथाम को लेकर शासन की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनकी टीम जगह-जगह आमजन के रैंडम सैंपल ले रही है। जिससे कोरोना को हराया जा सके। हालांकि, इन सभी की मेहनत पर शासन की गाइडलाइन ही पानी फैर रही है। दरअसल, शासन ने नियम ही कुछ ऐसे बनाए हैं कि लाख कोशिश कर लो कोरोना के प्रसार को नहीं रोका जा सकता है। यदि एक राज्य व जिले से दूसरे राज्य व जिले में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को सैंपल लेने के बाद रिपोर्ट आने तक क्वारंटाइन कर दिया जाए या निगरानी में रखा जाए तो कोरोना के प्रसार में काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है, जिसका नतीजा है कि पौड़ी जिले में भी लगातार कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं।
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शासन की गाइडलाइन में नहीं है सैंपल लेने के बाद क्वारंटाइन करने के निर्देश: सीएमओ
पौड़ी जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. प्रवीन कुमार का कहना है कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार जिले के बॉर्डर पर बाहरी राज्यों व जिलों से आने वाले व्यक्तियों के आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। इस दौरान उनका मोबाइल नंबर व पता भी नोट कर लिया जाता है। इसके बाद उन्हें जिले में प्रवेश दे दिया जाता है। आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने में 24 से 25 घंटे का समय लगता है। यदि उक्त व्यक्तियों में किसी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आती है और वह एसिम्टोमेटिक पाए जाते हैं तो उन्हें अपने घर वापस जाने को कहा जाता है। हालांकि, घर वापस जाने के लिए शर्त यह है कि वह अपने वाहन से यहां आए हों, यदि वह अपने वाहन से यहां नहीं आए हैं तो उन्हें कोविड केयर सैंटर में रखा जाता है। सीएमओ का कहना है कि आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने तक संक्रमित व्यक्ति के अन्य लोगों को संक्रमित करने का खतरा तो बना ही रहता है। बॉर्डर पर सैंपल लेने के बाद व्यक्तियों को क्वारंटाइन या निगरानी में रखने की शासन की गाइडलाइन में कोई निर्देश नहीं हैं।

पौड़ी जिले में कोरोना के 59 मामले
पौड़ी जिले में भी कोरोना लगातार पैर पसारता जा रहा है। रविवार को पौड़ी में कोरोना के 59 मामले सामने आए। इनमें वो बाहरी लोग भी शामिल हैं, जिनके जिले की सीमाओं पर आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिए गए थे। दुगड्डा ब्लॉक की बात करें तो यहां रविवार को 15 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए। वहीं, गत शनिवार को पौड़ी जिले में 98 कोरोना संक्रमित पाए गए थे।

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