बाबूजी बोले ताला खोलने वाला मांग रहा 15 सौ रुपये
वाहन चालक भर्ती बाबत प्रमाण पत्रों के लिए भटक रहे युवा
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि चूहे की निकल रही जान और बिल्ली को हो रखी मजाक। ऐसा ही कुछ इन दिनों स्कूलों में आठवीं पास के अंक पत्र बनाने वालों के साथ हो रहा है। जहां किसी पुरानी आलमारी में बंद रिकार्डों को देखने के लिए बाबू जी को चाबी ही नहीं मिल रही। तो स्कूल की उस आलमारी का ताला 15 सौ रुपये में तुड़वाने की बात कही जा रही है। यह बात इन युवाओं के गले नहीं उतर रही।
प्रदेश में उत्तराखंड चयन आयोग की ओर से इन दिनों विभिन्न विभागों में वाहन चालकों की सीधी भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। जिसके लिए चयन आयोग ने न्यूनतम शैक्षिक अहर्ता आठवीं पास तय की है। कम शैक्षिक आहर्ता के चलते सरकारी नौकरी की आस छोड़ चुके युवाओं को सपना सच होने की थोड़ी उम्मीद जगी है। आनन-फानन में ये युवा अपने प्रमाण पत्रों को बनवाने में जुटे हुए हैं। कई युवा इन दिनों तहसीलों के चक्कर काटते तो कई रोजगार कार्यालय और स्कूलों में जा रहे हैं। लेकिन एक बार फिर सरकारी सिस्टम की नियति उन पर भारी होते दिखाई दे रही है। ऐसा ही मामला शहर के एक सरकारी स्कूल का सामने आया है। जहां स्कूल में जब एक बेरोजगार युवक अनुज सिंह ने आठवीं पास के अंक पत्र के लिए आवेदन किया तो उसे दो-तीन बाद आने को कहा गया। फिर स्कूल के बाबू ने कहा कि रिकॉर्ड काफी पुराने हैं। लिहाजा अलमारी का ताला तोड़ना पड़ेगा। जिसके लिए ताला खोलने वाला 15 सौ रुपये मांग रहा है। ऐसे में युवा सख्ते में आ गया। उसने दो-तीन बाद आना ही मुनासिब समझा।
वहीं नगरवासी जसपाल सिंह ने करीब डेढ़ सप्ताह पहले रोजगार कार्यालय में अपना पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से जमा करवाया। कहा कि बमुश्किल प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपलोड हो पाए। फीस भी कट गई। लेकिन पांच दिन बाद देखा तो रोजगार कार्यालय ने जवाब भेजे की प्रमाण पत्र सही से अपलोड नहीं हुए। अब युवक को उन्हीं प्रमाण पत्रों को दोबारा अपलोड करना होगा। वो भी अलग से फीस का भुगतान कर।