कोटद्वार-पौड़ी

बाबूजी जरा धीरे चलना, बड़े गड्ढे हैं इस राह में..

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शहर में जगह-जगह सड़क पर बने गड्ढे दे रहे दुर्घटनाओं को न्यौता
शिकायत के बाद भी समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे विभाग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : बाबूजी जरा धीरे चलना बड़े गड्ढे है इस राह में…। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में बने हुए हैं। शहर में शायद ही कोई ऐसी सड़क हो जहां आपकों गड्ढे न दिखाई दें। कई स्थानों पर तो सड़क गड्ढों के बीच खो गई है। पग-पग पर पड़ने वाले यह गड्ढे वाहन चालकों की कमर तोड़ रहे हैं। बावजूद सरकारी सिस्टम इनके मरम्मत की सुध नहीं ले रहा। ऐसे में हर समय दुर्घटनाओं का भी अंदेशा बना हुआ है।
कोटद्वार नगर निगम बनने के बाद शहरवासियों को बेहतर विकास की उम्मीद थी। लेकिन, नगर निगम व लोक निर्माण विभाग सड़कों पर बने गड्ढों की मरम्मत भी नहीं कर पा रहा। नतीजा आए दिन दोपहिया वाहन चालक गड्ढों की चपेट में आने से चोटिल हो रहे हैं। सबसे बुरी स्थिति नजीबाबाद चौराहे से बुद्धा पार्क के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग की बनी हुई है। डिग्री कालेज से घराट को जोड़ने वाले मार्ग पर तो सड़क गड्ढों के बीच खो गई है। गाड़ीघाट, मानपुर, देवी रोड, कौड़िया, बीईएल रोड, मोटाढांग रोड सहित भाबर क्षेत्र की भी यही स्थिति बनी हुई है। शहरवासी राजू सिंह, मनोज कुमार ने बताया कि हल्की बरसात होने पर गड्ढे कीचड़ व पानी से भर जाते हैं। जिससे सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। पूर्व में लोक निर्माण विभाग व नगर निगम ने बरसात थमने के बाद सड़क मरम्मत का आश्वासन दिया था। लेकिन, अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। हालत देखकर लगता है कि सिस्टम को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

जगह-जगह फटी पेयजल लाइन
सड़कों पर बने गड्ढों से जगह-जगह पेयजल लाइनें भी फट गई है। ऐसे में हर रोज सैकड़ों लीटर पानी सड़क पर बहकर बर्बाद हो रहा है। सबसे बुरी स्थिति गाड़ीघाट, बदरीनाथ मार्ग व भाबर क्षेत्र की सड़कों पर बनी हुई है। पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण कई वार्डों में पानी का फोर्स भी बहुत कम हो गया है। जिससे लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ता है।

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