अल्मोड़ा। विवेकानंद हिमालयी विकास केंद्र अल्मोड़ा व संस्ति निदेशालय के तवावधान में होली के अवसर पर बैठकी व खड़ी होली का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र के अध्यक्ष ड प्रेम प्रकाश ने कहा कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली होली खुशियों व रंगों का त्योहार है। भारत के अलग अलग हिस्सों में इसे भिन्न भिन्न प्रकार से हर्ष व उल्लास से मनाई जाती है। उत्तराखंड में कुमाऊं क्षेत्र में एक से दो महीने तक इस पर्व को खुशी के साथ मनाया जाता है। संगीत सुरों के बीच बैठकी होली में भक्ति, श्रृंगार, संयोग, वियोग से भरे गीत गाने की परंपरा है। क्योंकि यहां की होली में आपको विभिन्न रंग देखने को मिलेंगे। अल्मोड़ा की प्रसिद्घ होली काफी पुरानी बताई जाती है। कुमाऊं में पौष माह के पहले रविवार से होली का शुभारंभ हो जाता है। सबसे पहले बैठकी होली शुरू होती है, जिसमें आपको शास्त्रीय और कुमाऊंनी होली सुनने और देखने के लिए मिलती है। उसके बाद होली का धीरे-धीरे माहौल बनता है। कार्यक्रम संयोजक कस्तुबानन्द उप्रेती ने कहा शिवरात्रि के बाद महिलाओं की होली सुनने के लिए मिलती है। महिलाओं की टोली घर-घर जाकर लोगों के वहां होली गायन करती है, जिसमें बैठकी होली और स्वांग देखने को मिलते हैं। तीसरी होली में आपको खड़ी होली देखने को मिलती है। चीर बंधन के समय लोग खड़ी होली गाते हैं, जिसमें वे एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में जाकर लोगों को होली की बधाई देते हैं। इस अवसर पर प्रेरणा साह, आलेखा कपिल, गुरप्रीत कौर, नीलम बिष्ट, जिज्ञासा कांडपाल, अदिति भंडारी, विवेकानंद केंद्र के अध्यक्ष ड प्रेम प्रकाश पांडेय, संयोजक दीपक पांडेय, ष्णा बिष्ट, खजान जोशी, हिमांशु परगाई सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।