उत्तराखंड

मेले के दौरान मांस व मरीदा की बिक्री पर लगे रोक

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बागेश्वर। माघ मास में उत्तरायणी मेले के दौरान मेले में मांस व मदिरा की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर अपनी धरोहर संस्था के साथ ही कई संगठन आगे आए हैं। उन्होंने बागनाथ भूमि की पवित्रता बनाए रखने के लिए इसे महत्वपूर्ण बताते हुए प्रशासन से तुरंत निर्णय लिए जाने की मांग की है। अपनी धरोहर संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष विजय भट्ट समेत जिलाध्यक्ष भुवन कांडपाल, विजय वर्मा, उमेश साह व जयंती कांडपाल, चंद्रा उपाध्याय ने कहा है कि बागनाथ भूमि व हरिद्वार का बराबर महत्व है तथा बागनाथ भूमि को कुमाउं की काशी के बराबर महत्व है। माघ माह में मेले के दौरान बिरयानी, नान वेज मोमो आदि मांस से संबंधित व्यवसाय पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए। इधर सेवा भारती की रेखा गोस्वामी ने भी अपनी धरोहर के इस अभियान की सराहना करते हुए प्रशासन से इस संबंध में उचित निर्णय लिए जाने की मांग की है। बता दें कि इससे पूर्व भी विहिप नेता व सरयू बगड़ में दुकानें न लगाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय जाने वाले पूरन रावत समेत सुरेश खेतवाल व आरएसस के कार्यकर्ताओं आदि के द्वारा भी मेला क्षेत्र में मांस से बनने वाले पदार्थ व मदिरा पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग कर चुके हैं। उनका कहना है कि इस संबंध में प्रशासन से हर साल मांग की जाती है परंतु अब तक इसमें कोई ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने क्षेत्र की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मांस से बने पदार्थों की प्रतिबंध लगाए जाने व मेले के दौरान मदिरा की दुकानें बंद करने व मदिरा पीकर घूमने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है

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