हरिद्वार। हरिद्वार में 2021 में प्रस्तावित महाकुंभ का स्वरूप भव्य और दिव्य होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा की शुद्घता और निर्मलता के बहाने यह संकेत दे गए। उन्होंने प्रयागराज के बाद हरिद्वार में गंगा के निर्मलता और अविरलता के सुखद अनुभव को लेकर देश और विदेश के श्रद्घालुओं को एक तरह से हरिद्वार आने का न्योता दिया है। महाकुंभ के स्वरूप को लेकर लंबे समय से संशय की स्थिति बनी हुई है। खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अगले साल फरवरी में निर्णय लेने की बात कह चुके हैं।
प्रधानमंत्री के कुंभ से जुड़े भाषण को लेकर धर्मनगरी से जुड़ा हर वर्ग बेहद उत्साहित है। महाकुंभ अपने निर्धारित समय पर होगा, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते उसके स्वरूप को लेकर संशय बरकरार है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भी फरवरी में महाकुंभ के स्वरूप को लेकर निर्णय लेने की बात दोहरा रहे हैं। जबकि धर्मनगरी के कारोबारी लगातार यह मांग कर रहे हैं कि कुंभ भव्य कराया जाए। सरकार ने हाल में ही बर्डर पर ढील देने के साथ चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के कोविड टेस्ट रिपोर्ट लाने की बाध्यता भी समाप्त कर दी है। इसके बाद पर्यटकों की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है।