बरसात में रहें सावधान, बीमार न कर दें लापरवाही
पिछले कुछ दिन से अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या
उल्टी- दस्त के साथ ही वायरल बुखार का बढ़ रहा प्रकोप
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: कभी बारिश कभी तेज धूप बरसात का यह मौसम आमजन को बीमार करने लगा है। राजकीय बेस चिकित्सालय के साथ ही निजी अस्पतालों में प्रति दिन मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। अधिकांश मरीज उल्टी-दस्त के साथ ही वायरल बुखार से पीड़ित हैं। बदलते मौसम में आमजन की लापरवाही उन्हें बीमार कर रही है।
पिछले कुछ दिनों से मौसम में लगातार परिवर्तन देखने को मिल रहा है। बरसात में कभी तेज बारिश तो कभी तेज धूप व उसम लोगों को बीमार कर रही है। राजकीय बेस चकित्सालय में हर रोज पांच सौ से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, क्षेत्र के निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बेस चिकित्सालय में सुबह से ही ओपीडी की पर्ची बनवाने के लिए लोगों की लंबी लाइन लग रही है। चिकित्सकों की माने तो मौसम में हो रही बदलाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे बीमार होने का अधिक खतरा बना रहता है। चिकित्सक लोगों को बारिश में भीगने व तेज धूप में घर में बाहर निकलने से बचे की सलाह दे रहे हैं।
खानपान पर रखे विशेष ध्यान
बरसात में पेट दर्द से संबंधित मरीजों की भी संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में लोगों को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। वर्षा काल में में बासी खाने से परहेज करें। सड़क किनारे खुले में बिक रही चीजों के सेवन से दूर रहें। धूप से आने के तुरंत बाद फ्रीज का ठंडा पानी न पिएं। पेट से संबंधित कोई भी परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
बरसात के दौरान होने वाली बीमारियां
मलेरिया- मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। यह रोग मादा ऐनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है। इससे बचने के लिए आसपास पानी का जमान न होने दें।
डेंगू- डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। एडिज मच्छर काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है। इससे बचने के लिए मच्छरों से बचे और घर से निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह ढककर रखें।
डायरिया- बरसात के मौसम में डायरिया सबसे आम समस्या है, जो जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता है। इसमें पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त लगना प्रमुख है। यह खास तौर से बरसात में प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण होता है। अत: खाद्य पदार्थों को ढक कर रखें, पानी उबालकर व छानकर पिएं और हाथ धोने के बाद ही कुछ ग्रहण करें।
हैजा- विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु के कारण फैलने वाला यह रोग दूषित भोज्य व पेय पदार्थो के कारण होता है। पेट में ऐंठन के साथ लगातार होने वाली उल्टी-दस्त इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। जिसके कारण शरीर में पानी की कमी होना और मिनरल्स की कमी हो जाती है। इससे बचने के लिए खाने-पीने संबंधी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
चिकनगुनिया- चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलने वाला बुखार है, जिसका संक्रमण मरीज के शरीर के जोड़ों पर भी होता है और जोड़ों में तेज दर्द होता है। इससे बचने के लिए जलजमाव से बचें ताकि उसमें पनपने वाले मच्छर बीमारी न फैलाएं।