कोटद्वार-पौड़ी

सावधान: यहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंडरा रहा खतरा, सरकारी सिस्टम नहीं दे रहा ध्यान

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बरसात के बाद से बदहाल हुए कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग की नहीं ली जा रही सुध
कोटद्वार-दुगड्डा के बीच 15 किलोमीटर के पूरे सफर में दस से अधिक स्थान पर बने है डेंजर जोन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : यदि आप कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर कर रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं। दरसअल, यहां पग-पग पर बदहाल हुआ राष्ट्रीय राजमार्ग कब आपकी जिंदगी पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। 15 किलोमीटर के पूरे सफर में दस से अधिक स्थानों पर डेंजर जोन बने हुए हैं। सरकारी सिस्टम भी बरसात के बाद से बदहाल राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत की सुध नहीं ले रहा। भूस्खलन व सड़क पर बने गड्डे वाहन चालकों के लिए खतरा बने हुए हैं।
अगस्त माह में वर्षा काल के दौरान कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाल हो गया था। जगह-जगह बोल्डर व मलबा आने के कारण कई दिन तक राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह बंद रहा। स्थिति यह थी कि कई स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा ही खोह नदी में ढह गया था। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने जेसीबी व पोकलैंड मशीनों से मलबा हटाकर आवाजाही की व्यवस्था बनाई। लेकिन, आज तक बदहाल हुए हिस्सों को सुधारने की सुध नहीं ली गई। नतीजा गड्ढों व भूस्खलन से संकरे हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही के दौरान वाहन चालकों की सांसे अटकी रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को होती है। कई स्थानों पर विपरीत दिशा से आ रहे वाहनों के गुजरने तक का हिस्सा नहीं बचा है। ऐसे में जाम की स्थिति भी बनी रहती है।

इन स्थानों पर बने हैं डेजर जोन
कोटद्वार से दुगड्डा तक 15 किलोमीटर के सफर में दस से अधिक डेंजर जोन बने हुए हैं। सिद्धबली के समीप लालपुल से करीब पांच सौ मीटर पहले राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा ढह गया था। जिसके बाद एनएच विभाग ने पत्थरों की दीवार खड़ी कर वैकल्पिक व्यवस्था की है। पांचवे मील से करीब दो सौ मीटर आगे पहाड़ी का पूरा हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया है। हालांकि मलबे को तो हटा दिया गया था। लेकिन, गड्ढों को नहीं भरा गया। यहीं हालत सातवें किलोमीटर तक तीन से चार स्थानों पर बनी हुई है। बरसाती रपट से दो सौ मीटर आगे राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा खोह नदी में समा गया था। लेकिन, अब तक इसके मरम्मत की सुध नहीं ली गई। जगह-जगह इसी तरह लापरवाही देखने को मिल रही है।

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