चुनाव से पहले अशोक गहलोत का मास्टर स्ट्रोक, 41 हजार शिक्षा कर्मी होंगे नियमित,ओपीएस का भी मिलेगा लाभ

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जयपुर, एजेंसी। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले सीएम अशोक गहलोत ने मास्टर स्ट्रोक खेला है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग में कार्यरत 41 हजार 423 संविदाकर्मियों को नियमित करने का निर्णय लिया है। इनमें शिक्षा कर्मी, पैरा टीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, अंग्रेजी माध्यम अध्यापक सहित 41 हजार 423 संविदा कर्मी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के राजीविका व मनरेगा के कुल 18326, अल्पसंख्यक विभाग के 5697 पैरा टीचर्स, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा विभाग के 44833 संविदा कर्मियों सहित कुल 1 लाख 10 हजार 279 संविदा कर्मी इन नियमों के लाभांवित होंगे।
राजस्थान 1 लाख 10 हजार संविदा कर्मियों को नियमित होंगे। सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल-2022 करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रदेश के 1 लाख 10 हजार से अधिक संविदा कर्मियों को नियमों के दायरे में लाकर लाभांवित किया जाएगा। सीएम अशोक गहलोत ने आज मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित अहम बैठक में राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल-2022 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह लागू होने से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। इसमें आरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा गया गया है। साथ ही जो संविदा कर्मी 5 साल तक काम कर लेंगे, भविष्य में उन पदों के नियमित होने पर उन्ही संविदा कर्मियों को नियमित किया जाएगा। नियमों में यह भी ध्यान रखा गया है कि किस पद को किस स्थायी पद के समकक्ष माना जाए, इसी आधार पर इन संविदाकर्मियों के मानदेय का निर्धारण किया गया है।
स्पेशल पे प्रोटेक्शन का भी ध्यान रखा गया है । नियमित होने पर इन कर्मियों को पुरानी पेंशन का भी लाभ दिया जाएगा। बता दें, संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए कई कमेटियां बनी थी। लेकिन इनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सका। सीएम गहलोत ने बजट में संविदाकर्मियों का विभागवार कैडर बनाने की घोषणा की थी। वर्ष 2022-2023 के बजट में मानदेय में 20 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने की भी घोषणा की थी। सीएम गहलोत ने संविदाकर्मियों की पीड़ा को समझा और राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल-2022 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

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