उत्तराखंड

भाकिस ने की सभी षि आदानों पर जीएसटी शून्य करने की मांग

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रुद्रप्रयाग। भारतीय किसान संघ ने सभी षि आदानों पर जीएसटी शून्य करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। कहा कि किसानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलने की कोई व्यवस्था नहीं है। जीएसटी काउंसिल किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष प्रहलाद गुसाईं, महामंत्री अनूप सेमवाल, उपाध्यक्ष प्रबल सिंह नेगी, चंडी प्रसाद सेमवाल, जसवीर सिंह आदि पदाधिकारियों ने कहा कि देश में 1 जुलाई 2018 से एक देश, एक कर नीति के आधार पर जीएसटी लागू किया गया है। जिसका देश भर में सभी उत्पादकों के लिए जीएसटी कानून के आधार पर टैक्स लागू किया गया। इसी कानून और जीएसटी काउंसिल के निर्णय के अनुसार पशु शक्ति या मनुष्य शक्ति चालित षि यंत्र के ऊपर जीएसटी लागू नहीं होगी। सरकार का यह स्वागत योग्य कमद है किंतु आगे चलकर जितने भी आदान षि में उपयोग होंगे, उनके ऊपर 5़28 फीसदी तक जीएसटी टैक्स लागू होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी कानून व्यवस्था में सभी उत्पादकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता है किंतु किसानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलने की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे लगता है कि जीएसटी काउंसिल किसानों के साथ जानबूझकर अन्याय करते हुए सौतेला व्यवहार कर रही है। कहा कि कोविड काल के दौरान दुनिया बंद थी, तब किसानों ने जान हथेली पर लेकर खेतों में काम करते हुए बाजारों एवं रास्तों के किनारे बैठ कर सभी को खाना उपलब्ध कराया। मुनाफा नहीं कमाया फिर भी उनके साथ दोहरी शोषण प्रक्रिया लागू की जा रही है। पूर्व में भारतीय किसान संघ ने 19 दिसंबर 2022 को दिल्ली में रामलीला मैदान में लाखों की संख्या में किसानों के माध्यम से सरकार को बताया कि किसानों का इनपुट क्रेडिट उपलब्ध कराया जाए किंतु कोई हल नहीं हुआ। हाल के बजट में भी इसका कोई उल्लेख नहीं हुआ है। कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक नजदीक में होने वाली है जिससे उत्तराखंड प्रदेश भी एक सदस्य है इसलिए किसानों को उम्मीद है कि उनकी समस्या पर यथासंभव कार्रवाई होगी।

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