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बड़ी साजिश का खुलासा! पाक आतंकियों ने ड्रोन से भेजे हथियार, लोकल गुर्गों ने अपने घर में छिपाए

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जम्मू-कश्मीर, एजेंसी। पाकिस्तान का आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ (एलईटी), जम्मू-कश्मीर में अपने सहयोगी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को ड्रोन के जरिए हथियार और गोला-बारूद भेजता है। ये हथियार भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट कठुआ और सांबा इलाके में गिराए जाते थे। वहां से ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के गुर्गे यानी ओवर ग्राउंड वर्कर उन हथियारों को उठाकर अपने घर में छिपा लेते थे। आतंकियों की इस चाल से सुरक्षा बल और लोकल पुलिस अनभिज्ञ थी। वजह, ओवर ग्राउंड वर्कर स्थानीय लोग थे और वे आबादी के बीच रहते थे। इससे किसी को उन पर शक भी नहीं होता था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को दाखिल आरोप पत्र में यह खुलासा किया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का स्थानीय समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को संचालित करता है। इस समूह के सदस्य, ओवर ग्राउंड वर्कर बनकर आतंकियों को हथियार, गोला-बारूद एवं दूसरे सामान की सप्लाई करते हैं। पुलिस स्टेशन, पीर मीठा जम्मू के तालाब खटिकन क्षेत्र में रहने वाला फैजल मुनीर उर्फ अली भाई भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियार और विस्फोटकों की सप्लाई यानी ‘ट्रांसपोर्ट’ का कामकाज देखता था। एनआईए की जांच के अनुसार, उसने भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकवादी कमांडरों और उनके गुर्गों को हथियारों एवं विस्फोटकों की खेप पहुंचाने की साजिश रची थी।
ये सब कार्य फैजल, सीमा पार के सक्रिय आतंकी संगठनों के इशारे पर करता था। इस साजिश में फैजल के साथ कई दूसरे आतंकी शामिल रहे हैं। ये सब जम्मू-कश्मीर में टीआरएफ के लिए सक्रिय रूप से काम करते थे। टीआरएफ की मदद के लिए इन लोगों को लश्कर के गुर्गों से धन प्राप्त होता था। आतंकी संगठनों को हथियारों की सप्लाई करने के मामले में फैजल चौथा व्यक्ति है, जिसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। एनआईए ने 18 नवंबर 2021 को स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया था। फैजल, हमजा और मुदासिर अहमद डार, लश्कर/टीआरएफ के गुर्गों के इशारे पर काम कर रहे थे। तीनों आरोपियों पर कानून की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
जांच के दौरान सामने आया कि फैजल मुनीर लश्कर/टीआरएफ के एक सक्रिय ओजीडब्ल्यू के रूप में काम कर रहा था। वह हथियार/विस्फोटक/धन प्राप्त करने, एकत्र करने और उसकी आपूर्ति करने में शामिल था। पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियारों और बारूद की खेप सांबा/कठुआ के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में ड्रोन के जरिए भेजी थी। फैजल अपने सहयोगियों से वह खेप प्राप्त करता था। इसके बाद, फैजल मुनीर लश्कर/टीआरएफ के गुर्गों के निर्देश पर उन हथियारों को अपने घर में लाकर छिपा देता था। जैसे ही उसे सीमा पार के आतंकी संगठनों से निर्देश मिलता, वह उन हथियारों की तय जगह पर डिलीवरी कर देता था।
केंद्र सरकार ने द रेजिस्टेंस फ्रंट-टीआरएफ को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, यूएपीए के तहत आतंकी संगठन घोषित किया है। गृह मंत्रालय ने कहा था कि यह संगठन, आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं की भर्ती कर रहा था। जम्मू कश्मीर में 2019 के दौरान ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’, आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के एक प्रॉक्सी गुट के तौर पर अस्तित्व में आया था। गत जनवरी में गृह मंत्रालय ने इस संगठन को आतंकी गतिविधियां फैलाने, आतंकियों की भर्ती करने, घुसपैठ कराने और पाकिस्तान से हथियारों तथा मादक पदार्थों की तस्करी करने के चलते इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह संगठन, जेएंडके में सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए युवाओं को आतंकी समूहों से जुड़ने के लिए प्रेरित करता था। गृह मंत्रालय ने इस संगठन के कमांडर शेख सज्जाद गुल को भी आतंकवादी घोषित कर दिया था।

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