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शिंदे गुट की बड़ी जीत, 16 विधायकों के पक्ष में स्पीकर का फैसला; उद्धव को झटका

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मुंबई , एजेंसी। महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में अपना फैसला सुना दिया है। अपने फैसले में विधानसभा अध्यक्ष ने जहां इन विधायकों को अयोग्य करार देने से इनकार कर दिया। वहीं, शिवसेना के शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे पार्टी के संविधान के मुताबिक ही विधायक दल के नेता बने थे।
मामले में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने जो फैसला दिया है ये फैसला नियम और कानून के मुताबिक है। 2/3 बहुमत के माध्यम से एकनाथ शिंदे के पास 37 टछअ हैं, इसलिए चुनाव आयोग ने भी शिंदे की शिवसेना को असली गुट माना। उद्धव ठाकरे को बहुत झटका लगा है।
शिव सेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मुझे बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं है। हमने सुना था ‘वही होता है जे मंजूर-ए-खुदा’ होता है’… 2014 के बाद एक नई परंपरा शुरू हुई है, ‘वही होता है’ जो मंजूर-ए-नरेंद्र मोदी और अमित शाह होता है। यही हम महाराष्ट्र में होते हुए देख रहे हैं… यह नैतिकता का एक दुर्भाग्यपूर्ण समझौता है। कुछ ऐसा किया जा रहा है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ करार दिया था ‘कानूनी’ हो गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके साथ ही स्पीकर ने भरत गोगावले की व्हिप के रूप में नियुक्ति को वैध ठहराया है। स्पीकर ने 1200 पन्नों के फैसले को पढ़ते हुए कहा कि सुनील प्रभु को जब चीफ व्हिप नियुक्त किया गया था, तब पार्टी का विभाजन हो चुका था। चूंकि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना है, ऐसे में चीफ व्हिप के रूप में भरत गोगावले की नियुक्ति सही है। सुनील प्रभू को विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं था। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता की याचिका खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के विधायक अयोग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अयोग्य ठहराने का कोई वैध आधार नहीं है। स्पीकर राहुुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता की याचिका खारिज कर दी। इस पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जब पार्टी में बंटवारा हुआ था उस समय शिंदे के समर्थन में 37 विधायक थे। उन्होंने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे नियमानुसार पार्टी के नेता बने। 21 जून को ही एकनाथ शिंदे पार्टी के नेता बन गए थे।
विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने असली पार्टी की उद्धव की दलील को भी खारिज कर दिया। उन्होंने निष्कर्ष देते हुए कहा कि जब बागी गुट बना उस वक्त शिंदे गुट ही असली शिवसेना था। 22 जून के मुताबिक शिंदे गुट ही असली शिवसेना के रूप में मान्य है। स्पीकर के इस फैसले से उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है।
विधानसभा स्पीकर ने आगे कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक सीएम शिंदे को उद्धव गुट हटा नहीं सकते। संविधान में पक्ष प्रमुख का कोई पद नहीं है। साथ ही, विधायक दल के नेता को हटाने का कोई प्रावधान संविधान में नहीं है। उन्होंने कहा कि शिंदे को हटाने का फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होना चाहिए था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर उद्धव गुट का रुख साफ नहीं है। इसी के साथ 25 जून 2022 के कार्यकारिणी के प्रस्तावों को स्पीकर ने अमान्य करार दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि मैं स्पीकर के रूप में 10वीं धारा के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहा हूं। अनुसूची का क्षेत्राधिकार सीमित है और यह वेबसाइट पर उपलब्ध ईसीआई के रिकॉर्ड से आगे नहीं जा सकता है और इसलिए मैंने प्रासंगिक नेतृत्व संरचना का निर्धारण करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। रिकॉर्ड के अनुसार, मैंने वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है।
16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला सुनाते हुए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान की सर्वोपरि है। हम उनका 2018 का संशोधित संविधान स्वीकार नहीं कर सकते। यह संसोधन चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। उन्होंने इस दौरान शिवसेना के संगठन में चुनाव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि साल 2018 में संगठन में चुनाव नहीं है। हमें 2018 के संगठन नेतृत्व को भी ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि मेरे पास सीमित मुद्दा है और वह यह है कि असली शिवसेना कौन है। दोनों ही गुट अपने असली होने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैनें चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान में रखा है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी असली शिवसेना शिंदे गुट ही है। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने भी शिंदे गुट को ही असली शिवसेना कहा है। शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसला सुनाते हुए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि दोनों धड़ों (शिवसेना के दो गुटों) द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई आम सहमति नहीं है। नेतृत्व संरचना पर दोनों पार्टियों के विचार अलग-अलग हैं। एकमात्र पहलू बहुमत का है। मुझे विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व संरचना को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक संविधान तय करना होगा। उन्होंने कहा कि 2018 का संशोधित संविधान चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। शिवसेना का 1999 का संविधान ही मान्य है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। इस दौरान शिंदे गुट के चीफ व्हिप भरत भोगावले ने ‘जय श्रीराम’ की जयकार की। वहीं, इससे पहले शिंदे गुट के मंत्री दीपक केसरकर और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे (ठाकरे गुट) ने एक दूसरे का अभिवादन किया।
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 1200 पन्नों के आदेश को पढ़ते हुए कहा कि इस मामले में दाखिल याचिकाओं को छह समूहों में रखा गया। पहले ग्रुप वन के तहत सुभाष देसाई की याचिका पर वे फैसला पढ़ रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज का दिन अहम साबित हो सकता है। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसला सुनाना शुरू कर दिया है। अभी वे 1200 पन्नों के आदेश के अहम बिंदु पढ़ रहे हैं।

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