बिहार बजट सत्र: राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की फिलहाल कोई योजना नहीं

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पटना,एजेंसी। बिहार में पेट्रोल व डीजल पर वैट की दर फिलहाल कम करने की राज्य सरकार की कोई योजना है। बिहार में कई विकसित राज्यों की तुलना में इन उत्पादों पर वैट की दर कम है।
कई राज्यों की तुलना में केंद्र ने इन उत्पादों के बेस प्राइस को बिहार में अधिक रखा है। इस वजह से कीमत बढ़ रही है। वित्त एवं वाणिज्यकर मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में आए सवाल के उत्तर में यह बात कही।
लखेंद्र कुमार रौशन ने यह सवाल किया था कि बिहार सरकार पेट्रोल पर प्रति लीटर 23़58 रुपए तथा डीजल पर 16़65 रुपए प्रति लीटर की दर से वैट ले रही। इस कारण बिहार में यह मंहगा है।
गुजरात और उत्तर प्रदेश में यह दर कम है। इस पर वाणिज्यकर मंत्री ने कहा कि कई विकसित राज्यों की तुलना में पेट्रोल व डीजल पर बिहार में वैट कम है। गुजरात जैसी कलाकारी हम नहीं कर सकते।
गुजरात में डीजल पर वैट अधिक है, जो राज्य अमीरों को मदद करना चाहते हैं, वह डीजल पर वैट अधिक रखते हैं। जहां गरीबों को मदद करने की भावना है, वहां पेट्रोल पर वैट अधिक है।
वाणिज्य कर मंत्री ने कहा कि पेट्रोल व डीजल की कीमत इन उत्पादों के लिए केंद्र द्वारा राज्यों के लिए तय बेस प्राइस से तय होती है। यह केंद्र सरकार के संस्थान पेट्रोलियम प्राइसिंग एनालिस सेल तय करता है। बिहार में पेट्रोल का बेस प्राइस 63़08 रुपए है, जबकि गुजरात में यह 57़06 रुपए है। यह फर्क किसने किया है?
इस बेस प्राइस में डीलर मार्जिन और परिवहन शुल्क जुटता है, तब जाकर पेट्रोल व डीजल की प्रति लीटर दर तय होती है। इसके तहत जो 20 रुपए का उत्पाद कर लिया जाता है, उसमें से मात्र 1़40 रुपए ही राज्यों के खाते में आता है।

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