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बिहार में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर बड़ा फैसला रू शिक्षण संस्घ्थान 12 तक बंद, सार्वजनिक आयोजनों पर भी प्रतिबंध

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पटना, एजेंसी। बिहार में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के कारण संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी स्कूल-कलेज व कोचिंग संस्थानों को 12 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है। सभी तरह के सार्वजनिक आयोजनों पर भी अगली सूचना तक रोक लगा दी गयी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को केंद्र में रखकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा था कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप शिक्षण संसथानों को बंद रखने के बारे में विचार करे तथा सार्वजनिक आयोजनों को भी कुछ दिनों के लिए स्थगित रखा जाए। मुख्यमंत्री की हिदायत के कुछ ही घंटे के भीतर यह बड़ा निर्णय लिया गया।
सरकार ने शिक्षण संसथानों को 12 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया है। सरकारी दफ्तरों के बारे में यह निर्देश है कि महकमे के प्रधान यह तय करेंगे कि कितनी संख्या में सुरक्षित दूरी का अनुपालन करते हुए कर्मियों को दफ्तर बुलाया जा सकता है। सार्वजनिक आयोजनों पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। हां, शादी-ब्याह में अधिकतम ढाई सौ और श्राद्घ में अधिकतम 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे।
इस निर्णय के पहले क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले को ध्यान में रखते हुए पूरे राज्य में अधिक से अधिक टेस्टिंग करें। टीकाकरण की संख्या को और अधिक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बढ़ते मामलों को ध्यान में रख यह जरूरी है कि जांच अधिक से अधिक हो। उन्घ्होंने आरटीपीसीआर जांच को बढ़ाने का भी निर्देश दिया। कहा कि जांच अधिक होगी तो संक्रमण के मामलों का पता चलेगा। कोरोना से लोगों को नुकसान नहीं पहुंचे, इसके लिए सचेत और सक्रिय रहना होगा। लोग अलर्ट रहेंगे तो नुकसान कम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के लिए अस्पतालों में पूरी तैयारी रखें। टीकाकरण की संख्या बढ़ाएं। उन्होंने लोगों से यह अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बनाई गई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें एवं मास्क का प्रयोग जरूर करें।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से सूबे में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी दी। कोरोना के एक्टिव मामले, मृत्यु दर, रिकवरी रेट व प्रतिदिन हो रहे जांच आदि के बारे में जानकारी दी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, दीपक कुमार, मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, डीजीपी एसके सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, गृह विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार व गृह विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव भी मौजूद थे।

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