भाजपा ने उत्तराखंड में चला महिला और ओबीसी कार्ड, त्रिवेंद्र खेमे को लगा झटका
देहरादून। राज्यसभा चुनाव के बहाने भाजपा ने ड़क कल्पना सैनी को प्रत्याशी बनाकर उत्तराखंड में महिला और ओबीसी कार्ड चला है। सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा ने रणनीतिक तरीके से ओबीसी व महिला को प्रत्याशी बनाकर विधानसभा चुनाव में हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले में पार्टी को हुए नुकसान को आने वाले चुनाव में कम करने की कोशिश की है।
दोनों ही जिले ओबीसी बहुल माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव में दोनों जिलों से भाजपा को काफी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा सीट पर मुख्यमंत्री धामी भी चुनाव हार गए थे। पार्टी हाईकमान ने राज्यसभा चुनाव के बहाने महिला और ओबीसी कार्ड खेला है। इससे आने वाले चुनावों में हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले में भाजपा की स्थिति मजबूत हो सके। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद से त्रिवेंद्र सिंह रावत को कोई अहम जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है। राज्यसभा चुनाव से उनके राजनीतिक पुनर्वास की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया। इससे त्रिवेंद्र खेमे को बड़ा झटका लगा है। पार्टी की ओर से केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे गए पैनल में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम शामिल था। सियासी हलकों में चर्चा थी कि पार्टी त्रिवेंद्र को राज्यसभा का प्रत्याशी बना सकती है। लगभग चार साल तक त्रिवेंद्र सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे। पार्टी की ओर से किए गए नेतृत्व परिवर्तन से उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ा। साथ ही विधानसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद से चर्चाएं थी कि पार्टी त्रिवेंद्र सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। राज्यसभा चुनाव में डा़क कल्पना सैनी को प्रत्याशी घोषित करने से सियासी चर्चाओं पर पर विराम लग गया। अब उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर एक बार फिर कयासों का दौर शुरू हो गया है।