पुस्तकें ज्ञान का अक्षुण कोष : नौटियाल

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दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी शुरू
श्रीनगर गढ़वाल : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग एवं अजीम प्रेम जी फाउंडेशन और अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में बिडला परिसर में दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। प्रदर्शनी में 200 वर्षों से शिक्षा में उपयोग में लाई जा रही 8124 पुस्तक एवं शिक्षा से संबंधित दस्तावेज ऑफलाइन एवं ऑनलाइन मोड में शामिल किए गए हैं।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि पुस्तकें ज्ञान का अक्षुण कोष होती हैं। पुस्तकों से व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ चारित्रिक गुणों का विकास होता है। उन्होंने पुस्तकों को पढ़ने की विभिन्न कलाओं एवं कौशलों के महत्ता के बारे में भी बताया। इस मौक पर अजीम प्रेम जी विश्वविद्यालय बेंगलुरु स्कूल ऑफ एजुकेशन विभाग के प्रो. गिरिधर राव ने पुस्तक प्रदर्शनी के द्वारा छात्रों को ज्ञान के इतिहास से परिचित और भाषा विकास में पुस्तकों के महत्व को बताया। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रमा मैखुरी ने नई शिक्षा नीति-2020 में वर्णित तीन स्तंभ रिडिंग, राइटिंग और क्रिटिकल थिंकिंग के विषय में चर्चा की। इस अवसर पर अजीम प्रेम जी विश्वविद्यालय बंगलूरू की नॉलेज रिसोर्स सेंटर की प्रमुख डॉ. रश्मि मिश्रा, गढ़वाल विवि के केंद्रीय पुस्तकालय के अध्यक्ष डॉ. एमएस राणा ने पुस्तक के महत्व एवं केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा वर्तमान समय में किए जा रहे कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। मौके पर गढ़वाल विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. अनिल कुमार नौटियाल, प्रो. सीमा धवन, डा. देवेंद्र सिंह, डॉ. शंकर सिंह, डॉ. हीरालाल यादव, प्रदीप अंथवाल आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)

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