रामलीला का दूसरा दिन: रावण की तपस्या से खुश हुए ब्रहा्रदेव
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : श्री रामलीला कमेटी दुगड्डा की ओर से आयोजित रामलीला के द्वितीय दिवस पर रावण तप लीला का मंचन किया गया। द्वितीय दिवस की रामलीला का आरंभ लीला के कार्यकारिणी सदस्यों व कलाकारों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
द्वितीय दिवस में रावण, कुंभकर्ण, विभीषण तपस्या, तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा द्वारा उन्हें मनचाहा वर देना, रावण द्वारा सभी देवताओं को बंदी बनाना, मुनि नारद द्वारा रावण को कैलाश पर्वत उठाने के लिए कहना, रावण का पर्वत उठाने में असफल रहना, रावण का भोले महाराज की तपस्या करना और तपस्या से प्रसन्न होकर भोले महाराज का रावण को खड्ग प्रदान करना, रावण द्वारा ऋषियों के रक्त को कर के रूप में लेना और रक्त से भरे घड़े को राजा जनक के राज्य की सीमा पर गाढ़ना व घड़े से आकाशवाणी होना कि मैं राक्षसों के नाश का कारण बनूंगी, तक की लीला का मंचन किया गया। लीला संचालन में नितेश ठाकुर, बबली बिष्ट, संजीव कोटनाला, राहुल जैन, प्रदीप बडोला, नरेंद्र शहनाई आज्ञैर अनूप गुप्ता ने भी सहयोग प्रदान किया।