उत्तराखंड

विलक्षण संत थे ब्रह्मलीन स्वामी धर्मानन्द सरस्वतीरू स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

हरिद्वार। परमार्थ आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी धर्मानन्द सरस्वती महाराज की 31वीं पुण्य तिथी पर धर्म गंगा घाट पर 21 ब्राह्मणों के सानिध्य में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या मे संत महापुरूष व श्रद्घालु भक्त मौजूद रहे। ब्रह्मलीन स्वामी धर्मानन्द सरस्वती महाराज की पुण्य तिथी पर आयोजित धार्मिक अनुष्ठान के दौरान उपस्थित श्रद्घालु भक्तों को संबोधित करते हुए परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी धर्मानन्द सरस्वती विलक्षण संत थे। सनातन धर्म संस्ति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव अनुकरणीय रहेगा। स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी धर्मानन्द सरस्वती महाराज की शिक्षाओं का अनुकरण करते हुए उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों के माध्यम से आश्रम की सेवा परंपरा को निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी धर्मानन्द महाराज ने जीवन पर्यन्त समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर कल्याण के मार्ग अग्रसर किया। उनकी शिक्षाओं का अनुकरण करते हुए समाज सेवा व सनातन धर्म संस्ति के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान करना ही उनका लक्ष्य है। स्वामी धर्मात्मानन्द महाराज ने कहा कि त्याग, तपस्या व सेवा की अनुपम प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन स्वामी धर्मानन्द सरस्वती महाराज का पूरा जीवन निर्मल जल के समान था। गौ, गंगा के प्रति उनका समर्पण सभी को प्रेरित करता था। उनकी पुण्यतिथी पर सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए समाज सेवा का संकल्प लेना चाहिए। आश्रम के प्रबंधक दिवाकर तिवारी ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!