यौन शोषण मामले में बृजभूषण और विनोद तोमर को मिली जमानत, राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनाया फैसला
नई दिल्ली , एजेंसी। अदालत ने गुरुवार को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी भाजपा सांसद (सांसद) और कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह व सहायक सचिव विनोद तोमर को जमानत प्रदान कर दी। सुनवाई के दौरन अभियोजन पक्ष व शिकायतकर्ता के वकीलों ने जमानत पर आपत्ति नहीं जताई बल्कि जमानत देते हुए शर्ते लगाने का आग्रह किया। राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने आदेश पारित किया।
अदालत ने आरोपी को निर्देश दिया कि वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिकायतकर्ताओं या गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा और न ही उनसे संपर्क करने का प्रयास करेगा। वह अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगा। अदालत ने सभी शर्तों का ईमानदारी से पालन करने को कहा है। इससे पहले एपीपी अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि जमानत देते समय शर्तें लगाई जाएंगी। श्रीवास्तव ने कहा वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए यह शर्त लगाई जा सकती है।
अदालत ने उनके उस तर्क को भी रिकॉर्ड पर लिया कि वह न तो जमानत अर्जी का विरोध कर रहे है और न ही समर्थन कर रहे है। उसका कहना है कि अदालत को जमानत अर्जी पर कानून, नियमों, दिशानिर्देशों और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के मुताबिक विचार करना चाहिए। शिकायतकर्ता की और से पेश वकील हर्ष वोहरा ने इसी तर्ज पर कहा यदि अदालत जमानत देने के इच्छुक हैं, तो कड़ी शर्तें लगाई जा सकती हैं। आरोपियों की और से पेश वकील राजीव मोहन ने कहा कि वे सभी शर्तों का पालन करेंगे। मोहन ने कहा कोई धमकी नहीं है और अगर उन्हें आशंका है तो मैं वचन देता हूं कि ऐसी कोई घटना नहीं होगी।
जानकारी के लिए बता दें कि बीती 18 जुलाई को बृज भूषण सिंह को कोर्ट की ओर से 20 जुलाई तक अंतरिम जमानत दी थी। आरोपी विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत मिल गई थी। साथ ही कहा था कि उनकी नियमित जमानत पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी।
अंतरिम जमानत पर सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष अभियोजन पक्ष ने जमानत पर आपत्ति नहीं जताई थी। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को गिरफ्तार नहीं किया गया। हम उनकी जमानत का विरोध नहीं करेंगे बशर्ते वे गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। न्यायाधीश जसपाल ने सात जुलाई को सिंह और डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर को समन जारी किया था।
इसके बाद अदालत ने उसी दिन सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र पर भी संज्ञान लिया था। अदालत ने कहा था कि पेश साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के साक्ष्य है। आरोपी सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उनकी शिकायतों के आधार पर, पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।