बुद्ध की शिक्षा विश्व शंति का मार्ग प्रशस्त करती है : डॉ एमके ओटानी
देहरादून। यूनेस्को मुख्यालय पेरिस में विश्व बौद्ध संघ और यूनेस्को पीस चेयर्स के सहयोग आयोजित अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन में भारत सरकार के सलाहकार और देहरादून निवासी डॉ एमके ओटानी ने मुख्य भाषण दिया। इस सम्मेलन में विश्व के आध्यात्मिक नेताओं, विद्वानों और शांति समर्थकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर अपने विचार वक्त करते हुए ओटानी ने कहा कि बुद्ध की शिक्षा विश्व शंति का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने वैश्विक शांति को बनाए रखने में बौद्ध शिक्षाओं की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। जो करुणा, समझ और एकता के सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने अपने संबोधन में बौद्ध धर्म की सार्वभौमिक शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में उत्पन्न तथागत बुद्ध की शिक्षाएं सांस्कृतिक सीमाओं से परे हैं और आज भी राष्ट्रों के बीच सद्भावना और शांति स्थापित करने के लिए मार्ग प्रशस्त करती हैं। डॉ ओटानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हाल ही में पाली भाषा को भारत में शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर विशेष रूप से जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय केवल भाषा संरक्षण का कार्य नहीं है। बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और बौद्ध परंपरा के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह सम्मेलन बौद्ध परंपराओं के विभिन्न प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाया। जो शांति, करुणा और एकता के सिद्धांतों के प्रति समर्पित थे।