व्यापारियों से नहीं वसूला जाएगा व्यवसायिक व स्वकर शुल्क
नगर निगम की ओर से आयोजित आपात बार्ड बैठक में लिया गया निर्णय
व्यापारियों को दिए गए नोटिस पर भी नहीं की जाएगी कार्रवाई
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। व्यापारियों से व्यवसायिक व स्वकर शुल्क वसूलने को लेकर लगातार हो रही राजनीति के बीच सोमवार को नगर निगम की ओर से आपात बार्ड बैठक बुलाई गई। बैठक में नगर निगम ने व्यापारियों से कर वसूली के निर्णय को वापस लिया है। साथ ही व्यापारियों को दिए गए नोटिस पर भी कोई कार्रवाई नहीं होगी।
सोमवार को नगर निगम सभागार में महापौर हेमलता नेगी की अध्यक्षता में बोर्ड की आपात बैठक आयोजित की गई। महापौर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निगम गठन के दौरान जनता से दस वर्षों तक किसी भी तरह का टैक्स नहीं वसूलने का निर्णय लिया था। बावजूद इसके सरकार टैक्स वसूली के लिए निगम अधिकारियों पर दबाव बना रही थी। कहा कि प्रदेश के आठ नगर नगर निगम में केवल कोटद्वार नगर निगम में ही कर अधिकारी की तैनाती की गई है। कर वसूली के नाम पर प्रदेश सरकार कोटद्वार शहर के व्यापारियों का शोषण करना चाहती है। कहा कि कोरोना काल में पहले से आर्थिक तंगी झेल रहे व्यापारियों के साथ इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है। नगर निगम व्यापारियों के इस शोषण का विरोध करता है। नगर आयुक्त किशन सिंह ने बताया कि व्यवसायिक व स्वकर वसूली के लिए कुछ वर्ष पूर्व बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया था। पार्षदों का आरोप था कि बोर्ड बैठक में कर वसूली के लिए जनता की राय लेने की बात कही गई थी, लेकिन निगम ने जनता की बिना राय लिए की कर लगाना शुरू कर दिया। बैठक में तय किया गया कि नगर निगम की ओर से किसी भी तरह का व्यवसायिक शुल्क अथवा अन्य कर की वसूली नहीं की जाएगी। यह भी तय किया गया कि भवन निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र का शुल्क एक हजार रूपए ही रखा जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि व्यापारियों को भेजे गए नोटिस को भी निरस्त कर दिया जाएगा। इस मौके पर कर अधिकारी उत्तम सिंह नेगी, पार्षद नईम अहमद, विपिन डोबरियाल, प्रवेंद्र सिंह रावत, जगदीश मेहरा, अमित नेगी, सुखपाल शाह, गीता नेगी, कविता मित्तल, बीना देवी सहित, सूरज प्रसाद कांति आदि मौजूद रहे।