प्रदेश के समस्त कार्यालयों को 7 दिन बंद करने की मांग की
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने उतराखण्ड सरकार से उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश के समस्त कार्यालयों को 1 सप्ताह के लिए बंद करने की मांग की है। साथ ही सरकार से कोरोना संगिमण के बढ़ते हुए खतरों को देखते हुए प्रत्येक कार्मिक का 50 लाख का बीमा कराने की मांग की।
एसोसिएशन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष देवलियाल ने कहा कि जब तक एक सप्ताह के लिए प्रदेश के राजकीय कार्यालय पूर्ण रूप से बंद नहीं किये जाते हैं तब तक बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण की चेन को नहीं तोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई कार्मिक कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। फलस्वरूप प्रदेश का कार्मिक अपनी जान जोखिम में डाल कर भय के माहौल में कार्यालय आ रहा है। कार्यालय खुलने से आम जनमानस भी अपने कार्य हेतु कार्यालय आयेंगे, जिस कारण कोरोना संक्रमण और तेजी से बढ़ने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 26 से 28 अप्रैल तक कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए आंकड़ों को देखते हुये तीन दिन कार्यालय बंद किये गये थे, परन्तु 29 अप्रैल से कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में पहले की अपेक्षा और अधिक बृद्धि होने पर कार्यालय खोल दिए गए। सरकार का यह आश्चर्य जनक निर्णय है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तराखण्ड सरकार जानबूझकर कार्मिकों की जान जोखिम में डाल रही है। सुभाष देवलियाल ने कहा कि प्रदेश का कार्मिक इस कोरोना महामारी संक्रमण काल में पूरी तरह से उत्तराखण्ड सरकार एवं जनमानस के साथ हर तरह से सहयोग करने को तैयार है, जैसे कि पूर्व में भी कार्मिकों द्वारा कोरोना महामारी में भरपूर सहयोग सरकार को दिया गया है। परन्तु सरकार को भी प्रदेश के कार्मिकों की जान माल की रक्षा करने हेतु समुचित उपाय कर बचन बद्ध होना होगा। सरकार को उतराखण्ड के कार्मिक एवं जनमानस हित में तत्काल कठोर एवं उचित निर्णय लेना ही होगा, ताकि समय रहते प्रदेश के कार्मिकों के साथ ही आम जनमानस की रक्षा की जा सके।