एम्स ऋषिकेश के पांच अफसरों समेत सात पर भ्रष्टाचार का केस, सीबीआई की छापेमारी

Spread the love

ऋषिकेश । सीबीआई ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स ऋषिकेश के पांच अफसरों समेत सात लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। एम्स परिसर में एक दवा की दुकान खोलने में और मेडिकल उपकरणों में खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में यह मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को सीबीआई की टीमों ने उत्तराखंड, यूपी, हरियाणा और दिल्ली समेत 24 स्थानों पर छापे मारे।
सीबीआई की टीम शुक्रवार तड़के एम्स की आवासीय कलोनी पहुंची। सीबीआई ने एम्स,ाषिकेश के तत्कालीन एडिशनल प्रोफेसरों और कुछ अन्य लोगों से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे। इसके साथ ही देश भर में 24 स्थानों पर भी एक साथ छापेमारी की गई है। एम्स के पीआरओ हरीश थपलियाल ने इसकी पुष्टि की है।
सीबीआई ने तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर बलराम ओमर, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर विजेन्द्र सिंह और अनुभा अग्रवाल, तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, तत्कालीन लेखा अधिकारी दीपक जोशी और नई दिल्ली स्थित निजी फर्म के मालिक पुनीत शर्मा और एक-एक अज्ञात के खिलाफ देहरादून की कोर्ट में भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोप में मुकदमे दर्ज कराए।
सीबीआई को शिकायत मिली थी कि स्वीपिंग मशीन की खरीद और एम्स,ाषिकेश के अंदर एक केमिस्ट शप खोलने के लिएटेंडरों में गड़बड़ी की गई। सीबीआई के मुताबिक आरोपियों ने निविदा प्रक्रिया से संबंधित भारत सरकार के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया। फर्जी आधार पर प्रतिष्ठित बोलीदाताओं की गलत तरीके से जांच की और महत्वहीन फर्मों को काम दे दिया गया। आरोपियों ने कथित तौर पर अपराध के जुड़े साक्ष्यों को भी गायब कर दिया।
सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद में लगभग 2़41 करोड़ रुपये और केमिस्ट शप खोलने केटेंडर में गड़बड़ी से एम्स को लगभग 2 करोड़ रुपये नुकसान हुआ है।
सीबीआई ने दो महीने पहले भी एम्स में छापा मारा था। इसके बाद कई अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ और छापे में बरामद दस्तावेजों को खंगालने के बाद सीबीआई ने यह कार्रवाई की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *