हर्षोल्लास के साथ मनाया गंगा जन्मोत्सव
उत्तरकाशी। विश्व प्रसिद्घ गंगोत्री धाम में गंगा सप्तमी अर्थात मां गंगा का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों की ओर से मां गंगा की प्राचीन निर्वाण मूर्ति का महाभिषेक करने के बाद भव्य शृंगार किया गया। जिसको देखने के लिए मंदिर परिसर में श्रद्घालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। इसके बाद अब देश विदेश से आने वाले श्रद्घालु लक्ष्मी पूजन व कपाट बंद होने तक गंगोत्री धाम में ही मां गंगा के श्रृंगार दर्शन कर सकते हैं।
अक्षय तृतीय पर गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद हर वर्ष छठवें दिन गंगा सप्तमी मनाई जाती है। माना जाता है कि इसी दिन गंगा का जन्म हुआ है। रविवार को भी गंगा सप्तमी के पावन पर्व पर विश्व प्रसिद्घ गंगोत्री धाम व मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखवा स्थित मार्कण्डेय मंदिर में सुबह से ही प्रातरू विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। गंगोत्री में मां गंगा की मूर्ति को महाभिषेक करवाने के बाद उसका भव्य श्रृंगार करवाया गया। इसके बाद मंदिर में गंगा लहरी और गंगा सहस्त्रनाम पाठ हुआ। श्रृंगार के बाद भक्तों ने मां गंगा के श्रृंगार दर्शन किए। गंगोत्री मंदिर के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगा सप्तमी, गंगा मां का जन्मोत्सव दिन है। रविवार सुबह 09रू05 बजे गंगा जी की भोग मूर्ति को आभूषण पहनाए गए। कपाट बंद होने तक श्रद्घालु गंगोत्री में उत्सव मूर्ति के दर्शन कर सकेंगे। इधर गंगा के मायके मुखवा गांव से भी समेश्वर देवता की डोली के साथ मार्कण्डेय तक कलश यात्रा निकाली गई। यह विशेष पूजा-अर्चना के साथ धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया।
इस मौके पर गंगोत्री मंदिर समिति के तीर्थ पुरोहित मुकेश सेमवाल, राजेश सेमवाल, सुधांशु सेमवाल, सत्तेंद्र सेमवाल, पवन सेमवाल, सुमन सेमवाल, ष्णानंद सेमवाल, रमांकात सेमवाल, गोर्वधन सेमवाल, प्रकाश व मुखवा में पंडित अशोक सेमवाल, रामभजन सेमवाल, रविन्द्र सेमवाल, भूपेन्द्र सेमवाल सहित एसडीएम चतर सिंह चौहान, लोकेन्द्र सिंह बिष्ष्ट आदि मौजूद थे।