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केंद्र सरकार का उद्योग धंधों को बड़ी आर्थिक खुराक का ऐलान

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0- 25 लाख छोटे कारोबारियों को सवा लाख का सस्ता कर्ज
0- आत्मनिर्भर भारत अभियान की अवधि आगामी मार्च 22 तक बढ़ी
नई दिल्ली । कोरोना महामारी से जूझ रहे देश के उद्योग धंधों को राहत देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कई बड़े एलान किए। इसमें डेढ़ लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त क्रेडिट गारंटी योजना व स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ का एलान सबसे अहम है। 15 हजार रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में केंद्र सरकार की ओर से 24 फीसदी अंशदान जमा कराने की योजना मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई है।
वित्त मंत्री ने महामारी से प्रभावित क्षेत्रों के लिए पैकेज का एलान किया है। स्वास्थ्य क्षेत्र को 50 हजार करोड़ रुपये का डोज दिया गया है। 1.50 लाख करोड़ की अतिरिक्त क्रेडिट गारंटी योजना घोषित की गई है। गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत महामारी के दौरान कोई भूख न रहे, इसलिए दिवाली यानी नवंबर तक 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज मिलता रहेगा। इस पर कुल दो लाख करोड़ तक का खर्च होगा। संकट का सामना कर रहे देश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों को वीजा शुल्क से राहत दी गई है। इसमें पहले पांच लाख पर्यटकों को भारत यात्रा करने पर वीजा शुल्क नहीं देना होगा। वित्तमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिन आठ राहत उपायों का ऐलान किया है उसमें 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना की घोषणा भी शामिल है।
इन उपायों से मिलेगी विभिन्न सेक्टरों को राहत
केंद्र सरकार हेल्थ सेक्टर में राहत पैकेज के मेडिकल सेक्टर को लोन गारंटी दी जाएगी। हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए वअन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए। इसके तहत 100 करोड़ तक का लोन 7.95 फीसद ब्याज पर दिया जाएगा, वहीं अन्य सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी। वहीं दूसरे राहत उपाय में सबसे पहले की स्कीम में 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी। इसमें अब तक 2.69 लाख करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है। जबकि 1.5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। यानी अब इस स्कीम का कुल दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसी प्रकार क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत छोटे कारोबारी, इंडिविजुअल एनबीएफसी माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे। इस पर बैंक के एमसीएलआर पर अधिकतम 2त्न जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा। इस लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी। इस स्कीम का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा। 89 दिन के डिफॉल्टर समेत सभी प्रकार के उधार लेने वाले इसके लिए योग्य होंगे।नई राहत योजना में कोविड महामारी से प्रभावित रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड और ट्रेवल टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स को सरकार वित्तीय मदद देगी। इसमें लाइसेंधारी टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपए और टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा। इस लोन को 100त्न गारंटी दी जाएगी। इस लोन पर कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं होगा। इसी प्रकार कोरोना की मार से टूट चुके टूरिज्म सेक्टर के लिए वित्त मंत्री ने राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मोदी सरकार पहले 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी करेगी। यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। इस स्कीम के तहत 100 करोड़ रुपए की वित्ती सहायता दी जाएगी। एक टूरिस्ट को केवल एक बार स्कीम का लाभ मिलेगा। विदेशी टूरिस्टों को वीजा की अनुमति मिलते ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा। करीब 1.93 करोड़ विदेशी टूरिस्ट 2019 में भारत आए थे।
किसानों को सब्सिडी
सरकार ने किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी गई है। इसमें 9125 करोड़ रुपये की सब्सिडी केवल डीएपी पर दी गई है। वहीं, 5650 करोड़ रुपए की सब्सिडी एनपीके पर दी गई है। रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई है। जबकि, अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपए सीधे दिए गए हैं।
गरीबों को मुफ्त राशन
पिछले 26 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत कोविड से प्रभावित गरीबों की मदद मुफ्त अनाज दिया जाता है। शुरुआत में इस स्कीम का लाभ अप्रैल से जून 2020 के दौरान मिला था। इसके बाद इसे बढ़ाकर नवंबर 2020 तक लागू कर दिया था। वहीं कोरोना की दूसरी लहर आई तो मई 2021 में इस स्कीम को फिर से लॉन्च किया गया। इस स्कीम के तहत करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज नवंबर 2021 तक मुफ्त दिया जाएगा। 2020-21 में इस स्कीम पर 1,33,972 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इस स्कीम पर इस साल करीब 93,869 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पिछले साल और इस साल मिलाकर इस स्कीम पर करीब 2,27,841 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बता दें कृषि से संबंधी सब्सिडी और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पुरानी योजनाएं हैं।
आत्मनिर्भर योजना का विस्तार
कोरोना की पहली लहर की वजह से देश में लगे संपूर्ण लॉकडाउन से आम आदमी से लेकर बड़े कारोबारी तक की आर्थिक स्थति डांवाडोल हो गई थी। राहत के लिए पिछले साल अक्टूबर में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लॉन्च की गई थी। अब इस आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार किया जा रहा है। पीसी में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है। इस स्कीम के तहत अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इस स्कीम के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के पीएफ का भुगतान करती है। इसके तहत सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12प्रतिशत-12प्रतिशत पीएफ का भुगतान करती है। सरकार ने इस स्कीम में 22,810 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है, जिससे करीब 58.50 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।

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