कोटद्वार-पौड़ी

पहाड़ की संस्कृति व सभ्यता को बचाने का संदेश देता है चाई महोत्सव

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जयहरीखाल के ग्राम चाई में शुरू हुआ तीन दिवसीय महोत्सव
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: पहाड़ की सांस्कृतिक धरोहर त्रिदिवसीय चाई ग्रामोत्सव रविवार से शुरू हो गया है। समारोह की शुरूआत कलश यात्रा व द्वार पूजन से हुई। इस दौरान ढोल-दमो की थाप पर ग्रामवाशियों ने गाँव के प्रत्येक घर -आंगन में पारंपरिक नृत्यों से समां बांध दिया। चाई में दिन भर जहां पहाड़ की लोक कलाओं की छटा बिखरी रही, वहीं शाम के समय मनमोहक संस्कृतिक प्रस्तुति ने लोगों का दिल जीत लिया।
विकास खंड जयहरीखाल के ग्राम चाई में आयोजित त्रिदिवसीय 14वें ‘चाई ग्रामोत्सव का मुख्य अतिथि शिक्षाविद् एवं डीपीएमआई संस्थान( दिल्ली) के चेयरमैन डा॰ विनोद बछेती ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि चाई ग्रामोत्सव पहाड़ में गांव बचाने का एक बेहतरीन एवं प्रभावकारी प्रयोग है यह प्रयोग उत्तराखंड के गांव गांव में होना चाहिए । उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी का अपनी संस्कृति और परंपरा के साथ जोड़ना जरूरी है तभी यहां विकास व खुशहाली की पटकथा लिखी जा सकती है। डॉ विनोद बछेती जी ने कहा कि हमारी आंचलिक परंपरा बोली भाषा रीति रिवाज एवं जीवन मूल्य ही हमारी सबसे बड़ी पहचान है, इनको सहेज कर रखना वह बचाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग्राम उत्सव के आयोजन से प्रवासी अपनी मूल जड़ों से जुड़ गए हैं इसे देखकर उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है। समारोह की विशिष्ट अतिथि राजेश ध्यानी ने कहा की चाई ग्राम उत्सव के गौरवशाली 14 साल पूरे पहाड़ की धरोहर हैं इस उत्सव में पहाड़ में नई परंपरा का बीजारोपण किया है जिसके फलस्वरूप रिवर्स माइग्रेशन को गति मिली है और गांव में रौनक लौटने लगी है। उन्होंने कहा कि चाई ग्राम उत्सव को पहाड़ के स्वरूप को बचाने वाला अपूर्व जन आंदोलन बताया जिसकी गूंज अब पूरे देश में सुनाई देने लगी है उन्होंने कहा कि ग्राम संस्कृति को बढ़ावा देना जरूरी है। आयोजक संस्था श्री नवदुर्गा ग्राम उत्थान समिति चाई के महासचिव संगीत बुडाकोटी ने ग्राम उत्सव प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि जन सहयोग से चाई में एक भव्य सामुदायिक परिसर का निर्माण किया गया है, जो कि क्षेत्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है। इस अवसर पर ललन बुडाकोटी, सुशील बुडाकोटी, जगमोहन बुडाकोटी, विकास बुडाकोटी, शेखर बुडाकोटी, राज्यवर्धन बुडाकोटी, कमलेश बुडाकोटी, दिनेश बुडाकोटी, सच्चिदानंद बुडाकोटी, आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे समारोह की अध्यक्षता शंभू प्रसाद बुडाकोटी एवं संचालन डॉक्टर पदमेश बुडाकोटी ने किया। वहीं, कार्यक्रम से पूर्व चाई में ग्राम वासियों की ओर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई, सभी ग्राम देवताओं के साथ द्वार पूजन भी किया गया। इस दौरान गांव में चारों ओर रौनक देखने को मिली सभी बंद की वार्ड आज खुले थे, ग्राम वासियों ने पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमोह वह मसत भीम के साथ हर घर आंगन में जमकर नृत्य किया।

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