चम्पावत में दुष्कर्मी को सात साल की सजा व 20 हजार का जुर्माना

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चम्पावत। नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में एक युवक को विशेष सत्र न्यायालय ने सात साल का कठोर कारावास व 20 हजार का जुर्माना लगाया है। मामला टनकपुर थाने का है। बीती 25 जून 2019 को एक महिला ने थाने में तहरीर देकर बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री घर से बिना बताए कहीं चली गई है। छानबीन में पता चला कि नरेंद्र पुत्र सुरेश श्रीवास्तव निवासी घसियारामंडी उसे अपने साथ बहला फुसलाकर ले गया। दोनों ने बरेली में शादी की और वह हरियाणा में रह रहे हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपित युवक के खिलाफ पस्को अधिनियम समेत अन्य गंभीर धाराओ में मुकदमा पंजीत कर दिया।
मामले की जांच एसआइ अंजू यादव की। जब आरोपित युवक को मुकदमा दर्ज होने की बात पता चला तो वह नाबालिग को उसके घर छोडने आ रहा था कि पुलिस ने उसे रास्ते में पकड़कर जेल भेज दिया और नाबालिग को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। विशेष सत्र न्यायालय में मामले की सुनवाई शुरू हुई। सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक पक्सो वीडी जोशी ने प्रमुखता से अपना पक्ष रखा। मामले की सुनवाई करते हुए जिला जज आशीष नैथानी ने नरेंद्र को दोषी मानते हुए उसे अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई। धारा 363 के तहत तीन वर्ष की कठोर कारावास व दस हजार का जुर्माना तथा पस्को अधिनियम के तहत सात वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार का जुर्माना सुनाया। जुर्माना जमा न करने पर एक वर्ष का कारावास बढ़ाने के आदेश दिए हैं।

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