कहीं पंजीकरण की बाध्यता से चौपट न हो जाए चारधाम यात्रा!

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रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा की शुरूआत में जिस तरह देश-विदेश से आने तीर्थयात्रियों में उत्साह देखा जा रहा था। वह अब धीरे धीरे मायूसी में तब्दील हो रहा है। इसके पीटे प्रमुख कारण पंजीकरण की बाध्यता मानी जा रही है। पंजीकरण के अभाव में कई जगहों से बड़ी संख्या में यात्रियों को वापस लौटाया जा रहा है।
बदरी-केदार, गंगोत्री-यमुनोत्री की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए शुरूआत में सरकार द्वारा बिना पंजीकरण के आने का आमंत्रण दिया गया। जिससे बड़ी तादात में लाखों श्रद्घालु चारधाम यात्रा को उत्तराखंड पहुंच गए। श्रद्घालुओं का सैलाब बढ़ने के साथ चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाएं सामने आने लगी। अव्यवस्थाओं को देखते हुए सरकार ने पहले पंजीकरण की बाध्यता को अनिवार्य कर दिया। बिना पंजीकरण किए यात्री को यात्रा पर जाने से रोक दिया गया। ऐसे में सवाल उठा कि जो पहले ही हजारों की तादात में चार धाम यात्रा को निकल चुके थे। उन्हें क्या बगैर दर्शन किए वापिस लौटना होगा।

 

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