सीमा विवाद के बाद पहली बार भारत आए चीनी रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह से की मुलाकात; इन मुद्दों पर हुई चर्चा
नई दिल्ली , एजेंसी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू के साथ वार्ता की। नई दिल्ली में हुई यह बैठक एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक से पहले हुई। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-चीन संबंधों का विकास सीमाओं पर शांति पर निर्भर करता है। एलएसी पर सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रतिबद्धताओं के अनुसार हल करने की जरूरत है। दोनों देशों के संबंध तभी मजबूत हो सकते हैं, जब सीमा पर शांति हो और एक-दूसरे की संपभूता का सम्मान किया जाए।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद पर चर्चा हुई। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए शांगफू के दिल्ली पहुंचने के बाद यह बैठक हुई। भारत एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक की मेजबानी कर रहा है। तीन साल पहले पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बाद यह चीन के रक्षा मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है। कुछ दिन पहले ही सीमा विवाद को खत्म करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं ने 18वें दौर की सैन्य वार्ता की थी।
रक्षा मंत्रालय ने राजनाथ सिंह-ली शांगफू की वार्ता के संबंध में कहा कि दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के घटनाक्रम के बारे में खुलकर बातचीत की। राजनाथ सिंह ने शांगफू से कहा कि चीन-भारत संबंधों का विकास सीमा पर अमन-चैन पर आधारित है। मौजूदा समझौतों के उल्लंघन से द्विपक्षीय संबंधों की संपूर्ण बुनियाद को नुकसान पहुंचा। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रतिबद्धताओं के अनुरूप सुलझाने की जरूरत है।
23 अप्रैल को हुई कोर कमांडर वार्ता में दोनों पक्ष संपर्क बनाए रखने और पूर्वी लद्दाख में बचे अनसुलझे मुद्दों पर जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमत हुए थे। हालांकि, विवाद खत्म करने के लिए आगे बढ़ने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला था। भारत का स्पष्ट रुख है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
गोवा में एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी विदेश मंत्री छिन कांग भी अगले सप्ताह भारत आने वाले हैं। बैठक चार और पांच मई को होनी है। इससे पहले राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कजाकिस्तान, ईरान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ भी अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता की। पाकिस्तान को छोड़कर चीन, रूस और एससीओ के अन्य सदस्य देशों के रक्षा मंत्री दिल्ली में हो रही बैठक में भाग ले रहे हैं। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ऑनलाइन माध्यम से बैठक में हिस्सा लेंगे।
इस बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल एसएम शफीउद्दीन अहमद ने भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ व्यापक बातचीत की। इस दौरान दोनों देशों के बीच पहले से मजबूत सैन्य संबंधों को और सुदृढ़ करने पर ध्यान दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि जनरल अहमद और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने दोनों सेनाओं के बीच संपूर्ण सहयोग की समीक्षा की और संबंधों को और विस्तार देने के तरीके खोजने पर विचार किया।
भारत यात्रा पर आए बांग्लादेश के जनरल ने नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा, रक्षा सचिव गिरिधर अरमने और वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह से भी मुलाकात की। जनरल अहमद ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान से बुधवार को मुलाकात की थी। वह तीन दिवसीय भारत यात्रा पर बुधवार को यहां पहुंचे थे।