चाईनीज सामान हुआ फूस, स्वदेशी की रही धूम
छोटी दीपावली पर भी लोगों ने खूब की खरीददारी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : छोटी दीपावली में भी कोटद्वार बाजार में ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिली। दीवाली के लिए खरीदारी करने के लिए लोग सुबह से ही बाजार पहुंचने लगे। इस पर विशेषता यह रही कि दीवाली पर चीन निर्मित उत्पाद बाजार से पूरी तरह गायब रहे। उसके स्थान पर स्वदेशी उत्पादों की धूम रही।
शनिवार को भी बाजार में ग्राहकों की रौनक बनी हुई थी। सुबह दस बजे बाजार में दुकानें खुल गईं और ग्राहक भी नजर आने लगे। फुटपाथ पर खील-चीनी से बने खिलौने और बताशे के साथ ही गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां जगह-जगह बिकीं। इसके अलावा लोगों ने बिजली की झालरें, कंदील, फ्लावर समेत सजावट का अन्य सामान भी खरीदा। ये सभी उत्पाद पूरी तरह स्वदेशी रहे। गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां बड़ी दुकानों पर तो दिल्ली और कोलकाता से मंगाई गईं। सड़कों के किनारे फुटपाथ पर स्थानीय कारीगरों की बनी मूर्तियों की बिक्री होती रही। दोनों तरह की गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां लोगों ने खूब खरीदीं। मूर्तियों के साथ ही पूजन संबंधी सामग्री, मिठाई, आतिशबाजी की दुकानों पर भी ग्राहकों के पहुंचने का क्रम चलता रहा। गिफ्ट आईटम वाली दुकानों पर भी ग्राहकों का तांता लगा रहा। धनतेरस के बाद दीवाली की खरीदारी करने के लिए भी गांवों से बड़ी संख्या में लोग शहर में पहुंचे। बाजार में देर शाम तक रौनक बनी रही।
चीनी झालर हुए आउट
पिछले वर्ष तक बाजार में 50 से 60 प्रतिशत तक चीनी झालरों का कब्जा रह गया था, जो इस बार घटकर मात्र 10 प्रतिशत तक ही रह गया है। स्वदेशी झालरें 40 रुपये से एक हजार रुपये तक उपलब्ध हैं और यह कई सीजन तक चलती हैं। इनकी मरम्मत भी हो जाती है। इस दीपावली जिले में स्वदेशी झालरों के अच्छे कारोबार की उम्मीद है। दीपावली के लिए कोटद्वार में दुकानें सजकर तैयार हैं। इस बार सबसे खास बात है कि गुणवत्ता के लिहाज से चीनी झालरों व लाइटों को लोग कम ही पसंद कर रहे हैं
ये है झालरों व लाइटों की कीमत
छोटे बल्ब की 15 मीटर : 40 रुपये
छोटे बल्ब की 20 मीटर : 85 रुपये
छोटे बल्ब की 50 मीटर : 155 रुपये
बड़े बल्ब की 30 मीटर : 160 रुपये
रूफ लाइट प्रति मीटर : 40 रुपये
झूमर : 2000 से 5000 तक
मल्टी कलर झालर 40 फीट : 150
इलेक्ट्रॉनिक दीपक : 50 रुपये