चिन्यालीसौड़ का तहसील भवन आठ वर्षों से लटका अधर में
उत्तरकाशी। शासन- प्रशासन की लापरवाही से चिन्यालीसौड़ तहसील भवन पिछले आठ वर्षों से अधर में लटका हैं। ओर तहसील भवन उधार के भवन मैं चल रहा है। मामले में उपजिलाधिकारी आकाश जोशी ने बताया कि अगले 6 माह के भीतर तहसील भवन के लिए धनराशि आवंटित हो जाएगी।
चिन्यालीसौड़ नागणी गांव में 1.34 लाख रुपये की लागत से बनने वाला तहसील भवन आठ वर्षो से अधूरा पड़ा हुआ है। सांसद, विधायक एवं प्रशासन की उदासीनता के कारण तहसील भवन अब तक अधूरा पड़ा हुआ है। आधा-अधूरा यह भवन अब क्षतिग्रस्त होकर खंडहर में तब्दील हो रहा है। लेकिन, शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने इसकी सुध नहीं ली है। 22 जनवरी 2007 को चिन्यालीसौड़ तहसील अस्तित्व में आइ थी। लेकिन अस्थाई तौर पर तहसील का काम उत्तराखंड जल विधुत निगम के भवनों से प्रारंभ किया। 13 वषों बाद भी तहसील चिन्यालीसौड़ का कामकाज सीमित संसाधनों में ही चल रहा है। इस दौरान मांग उठने लगी कि तहसील का अपना भवन नहीं है, इस बीच वर्ष 2012 में नागणी गांव के ग्रामीणों ने जनहित को देखते हुए करीब दस नाली भूमि राजस्व विभाग को दान दी। वर्ष 2012 में ही तहसील भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ जो यूपी निर्माण निगम के जिम्मे था। कार्यदाई संस्था निर्माण निगम में निर्माणाधीन तहसील भवन पर करीब 70 लाख खर्च किये जा चुके हैं। फिर तहसील भवन नही बन सका।
नागणी निवासी व भूमिदान देने वाले राकेश मेहरा ने बताया कि क्षेत्र की जनता विधानसभा चुनाव में वोट मांगने वाले प्रत्याशियों से सवाल करेगी। उन्होंने बताया कि आठ वर्षो से तहसील भवन अधूरा पड़ा हुआ है। अब तक इसकी सुध नहीं ली गई। जिस कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। राजस्व विभाग अपने ही तहसील भवन के अधूरे पड़े कार्यो के पूरा किये जाने की दिशा में सार्थक पहल नहीं कर पा रहा है। अब तक जनप्रतिनिधियों को प्रयास कर पूरा करा देना चाहिए था। प्रशासनिक सूत्र बताते की यूपी निर्माण निगम के इंजीनियर कहते हैं कि यह पुराना मामला है उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।