कुल्लू में दो जगह बादल फटे, ब्यास में मिले नौ शव, सिरमौर-रोहड़ू में दो महिलाओं की मौत
हिमाचल प्रदेश, एजेंसी। हिमाचल प्रदेश में भले ही तीन दिन की भारी बारिश के बाद मौसम खुल गया हो, लेकिन दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कुल्लू की खराहल घाटी के बुरगणी नाला और लगघाटी की डुघीलग खणीपांद में बादल फटने से प्लम, जापानी फल और उपजाऊ भूमि को नुकसान हुआ है। जलस्तर कम होने से ब्यास में नौ शव मिले हैं। सेऊबाग में चार, भुंतर और जिया में दो-दो और टलोगी में एक शव बरामद हुआ है। जिले के मनाली, मणिकर्ण और बंजार घाटी में 17,000 पर्यटक अभी भी फंसे हैं। हालांकि अब कुल्लू-मनाली के बीच वैक्लिपक मार्ग खुलने से पर्यटक धीरे-धीरे निकलने लगे हैं। उधर, सिरमौर जिले के उपमंडल संगड़ाह के डूंगी गांव में निर्मला देवी (35) उर्फ गुड्डी घर के समीप बने शौचालय के बाहर नल से हाथ धो रही थी कि पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं, शिमला के रोहड़ू में ढहे घर के मलबे में दबने से भी एक महिला की मौत हो गई है।
मंगलवार को प्रदेश में नौ मकान ढह गए और 164 मकान व 105 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रदेश में चार नेशनल हाईवे मनाली-लेह, मनाली-चंडीगढ़, आनी-कुल्लू, चंबा-भरमौर और 1,318 सड़कें अभी भी ठप हैं। पेयजल की 4,000 योजनाएं भी बंद हैं। हिमाचल परिवहन निगम के 1,284 बस रूट ठप हैं। जगह-जगह 396 से ज्यादा बसें फंसी हुई हैं। उधर, चंबा जिले के भरमौर में धनछौ के पास पुलिया पार करते हुए अनियंत्रित होकर नाले में एक व्यक्ति हरबंस सिंह पुत्र नानकू राम गांव सुप्पा ग्राम पंचायत पूलन गिर गया, जिसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। उधर, कुल्लू में फंसे लोगों की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। घाटी में फंसे लोगों को प्रशासन निकालने में जुटा है। पर्यटन नगरी मनाली और आसपास के इलाके तीन दिन से कटे हुए हैं। यहां बिजली, पानी और दूरसंचार सुविधा ठप है। कुल्लू से भुंतर तक ही निजी बसें चलीं।
हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूलों में मानसून अवकाश को पुनर्निर्धारित और समय से पहले/समायोजित करने का निर्णय लिया है। छुट्टियों के दिनों की कुल संख्या समान रखने के लिए हरसंभव सावधानी बरती गई है, ताकि शिक्षण दिवस यथावत रहे। सरकार के आदेशों के अनुसार स्कूलों में मानसून ब्रेक 10 जुलाई से शुरू हो गया है। वहीं, राज्य में कार्यरत सीबीएसई, आईसीएसई व किसी अन्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूल अपने स्तर पर अवकाश का फैसला ले सकते हैं।
मंडी जिले में ब्यास नदी का जलस्तर कम हो गया है। इसी के साथ नुकसान की भयानक तस्वीरें सामने आ रही हैं। मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर समेत आसपास ब्यास किनारे कई फीट सिल्ट जमा है। पंडोह बाजार में तबाही के बाद नदी की जद में आए घरों में कुछ नहीं बचा है। जिले में करीब 95 पर्यटक फंसे हुए हैं। ये सभी सुरक्षित हैं। जिले की सैकड़ों सड़कें, बिजली, पानी व अन्य सुविधाएं ठप हैं। कांगड़ा जिले के दुर्गम क्षेत्र छोटा भंगाल के 20 गांवों का संपर्क अभी भी उपमंडल से कटा हुआ है। मुल्थान घूमने पहुंचे धर्मशाला के 15 लोग यहां फंस गए हैं। प्रशासन ने उन्हें लोहारड़ी के रेस्ट हाउस में सुरक्षित ठहराया है। उधर, बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग धर्मशाला-शिमला मंगरोट के पास भूस्खलन से 12 घंटे बाधित रहा। किन्नौर की सांगला घाटी पांच दिन से देश-दुनिया से संपर्क कटी है।
वहीं, सिरमौर जिले के डोरियोंवाला में गिरि नदी के बीच बने टापू में फंसे पांच मजदूरों को वायुसेना के हेलिकाप्टर की मदद से सुरक्षित बचाया। ये मजदूर पिछले चार दिन से फंसे थे। जिला प्रशासन ने इसके लिए फस्र्ट पैरा नाहन से मदद मांगी। इसके बाद फस्र्ट पैरा ने चंडीगढ़ से वायु सेना का हेलिकाप्टर मंगवाकर उसे टापू पर एक छोटी सी जगह पर लैंड कराया। पांचों मजदूरों को एयरलिफ्ट कर तारूवाला पहुंचाया गया।
मंगलवार सुबह मंडी पहुंचे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 24 घंटों में हम आगे बढ़ पाएंगे। मंडी में कुछ जगह पीने का पानी की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में 1300 से 1400 बस रूट से निलंबित हैं। कुल्लू में स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है, कुल्लू में सभी रूट बंद हैं। राज्य सरकार की बसें सुरक्षित जगहों पर खड़ी हैं जिस कारण से बसों को किसी प्रकार की हानि नहीं हुई है। कुल्लू को बहाल करने के लिए काम किया जा रहा है और मंडी में जलभराव की स्थिति को सही किया जा रहा है। जहां भी लोग फंसे हुए थे उन्हें निकाल लिया गया है। हर तरफ से संपर्क जोड़ा जा रहा है।
24 घंटों में हम आगे बढ़ पाएंगे। मंडी में कुछ जगह पानी(पीने का पानी) की व्यवस्था दी जा रही है। 1300-1400 बसें रूट से निलंबित हैं। कुल्लू में स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है, कुल्लू में सभी रूट बंद हैं, राज्य सरकार की बसे सुरक्षित जगहों पर खड़ी हैं जिस कारण से बसों को किसी प्रकार कीङ्घ स्र्रू.३६्र३३ी१.ूङ्मे/४्रीङ्म५८ळइफॠ
शिमला-कालका नेशनल हाईवे को मंगलवार दोहपर 3:30 बजे पूर्ण रूप से बहाल कर दिया गया है। करीब आधे घंटे बाद बस सेवा भी सुचारू रूप से बहाल हो गई। इससे कालका, शिमला और सोलन में फंसे हजारों लोगों को बड़ी राहत मिली है। जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी अब नियमित होगी। कालका-शिमला रेल ट्रैक मंगलवार तक बंद रखा है। बुधवार को इस पर अंबाला मंडल फैसला लेगा। उधर, नंगल से अंब-दौलतपुर चौक तक लगातार चौथे दिन ट्रेनों के रूट रद्द रहे। इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुई जब इतने लंबे समय तक ट्रेनों के रूट बंद रहे हों। रेल प्रशासन का कहना है कि पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा में कई स्थानों पर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा है। इस कारण ट्रेनों का संचालन हाल फिलहाल संभव नहीं। बुधवार तक ट्रेनों के आवाजाही की कोई संभावना नहीं है।