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राष्ट्रपति के सामने केंद्रीय राज्यमंत्री को सीएम नीतीश ने सुना दिया बहुत कुछ, एम्स पटना की प्रशंसा की

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पटना, एजेंसी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मीडिया के जरिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अक्सर हमलावर रहते हैं, लेकिन इस बार उनके सामने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार थीं तो उन्हें भी खूब सुना दिया। एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के सामने मंच से पहले केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार क्या-क्या काम कर रही है और कितने एम्स खोले जा रहे हैं। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधन का मौका मिला तो उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री की बातों का हवाला देते हुए ही अपनी बातों की शुरुआत की और दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काम को भुलाने पर खूब सुना दिया। उन्होंने पटना एम्स को कोरोना के दौर में सर्वश्रेष्ठ काम के लिए बधाई दी, लेकिन केंद्रीय मंत्री को कई बातों पर खूब सुनाया।
2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के कैबिनेट में हम भी मंत्री थे। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली की तर्ज पर देश में तीन नए एम्स की स्वीकृति दी गई थी। उसमें एक एम्स पटना में बनाने का निर्णय हुआ। यह उसी समय की बात है। …तो जरा-सा अटलजी की बात को भी पूरा याद रखा कीजिए। एक बार शुरू हुआ तो बाद में बहुत कुछ हो रहा है। जो मंत्री हैं, वह भी कम ही बोल रही थीं उस काम को। जो उन्होंने किया, उसे याद कीजिए। उन्होंने (अटलजी) पटना के लिए सोच लिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने एम्स के निर्माण के लिए जो किया, उसे यह लोग बोलेंगे नहीं तो सोचा कि हम बता दें। मीडिया भी दबाव के कारण नहीं बताता है, तो आज सोचे कि बता दें। उन्होंने कहा- “जब पटना में एम्स बनना था तो हम कितना घूमे हैं, सभी पुराने लोगों को पता है। हम यहां आकर एक चीज को देखना शुरू किए तो बना। 2003 में इसको बनना था, लेकिन काम नहीं हो रहा था। जब 2005 में हम यहां मुख्यमंत्री बने तो तेजी से यहां काम कराने के लिए दौड़भाग शुरू किए। हमने अफसरों के साथ देखना शुरू किया। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग का इलाका था, तो हमने इसी को चुना कि यहीं पर बनाना ठीक रहेगा। …तो जान लीजिए, यह हमारा ही सेलेक्ट किया हुआ है। हम लोगों का किया है तो हमारा बतवा तो भूल ही जाइएगा। कभी नहीं याद कीजिएगा। मीडिया वाला भी चर्चा नहीं करेगा। आज हम बता रहे हैं कि याद करिए इस जगह का चयन किसने किया। हम जो, जितना किए हैं…वह तो बताइए। हम लोग काम कर रहे थे, तो वह आप लोग भुला ही जाइएगा।”
सीएम नीतीश ने कहा- “यह जान लीजिए कि कैसे बना। भूलिएगा मत। आजकल पुराना चीजवा किसी को याद रहता है जी? आपको बता देते हैं पुरानी चीज भूलिए मत। इस जगह को सेलेक्ट किए। तब 72 एकड़ था, फिर 100 एकड़ की बात आई तो निजी जमीन लेकर 102 एकड़ पूरा कर दिया। इसके बाद भी जल्दी काम शुरू करने के लिए तत्कालीन कांग्रेसी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद को कहा कि तेजी से काम नहीं हो रहा है। अटल बिहारी वाजपेयीजी की सरकार में तय हुआ तो काम क्यों नहीं कर रहे तेजी से? बहुत बार प्रेरित किया। तब जाकर उन लोगों ने काम शुरू कराया। हम लोग बोले कि भाई अगर आपको दिक्कत है तो पैसा हम लगाकर शुरू कर देंगे। तब अंत में वह लोग काम शुरू किए।”

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